AK- 203 के बाद भारत और रूस मिलकर बनायेंगे घातक सब.मशीन गन
PPK-20 सबमशीन बनेगी अमेठी में, बढ़ जाएगी सेना की मारक क्षमता

नई दिल्ली : भारत और रूस साथ मिलकर पहले ही घातक असॉल्ट राइफल एके-203 बना रहे हैं. इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) उत्तर प्रदेश के कोरवा में भारतीय सेना के लिए 6 लाख से ज्यादा एके-203 असॉल्ट राइफल बना रही है. अब दोनों देश मिलकर AK-19 कार्बाइन और PPK-20 सब-मशीन गन के संयुक्त निर्माण के लिए भी बातचीत कर रहे हैं. ये हथियार भारत और रूस सशस्त्र और पुलिस बलों के अलावा निर्यात के लिए भी बनाए जाएंगे.
दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने संयुक्त उद्यम के सीईओ के रूप में सेवारत अधिकारियों को तैनात किया है. इसमें आईआरआरपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी मेजर जनरल एस के शर्मा संभाल रहे हैं. साथ ही कर्नल रैंक के दो और सेवारत अधिकारियों को आईआरआरपीएल में प्रतिनियुक्त किया गया है.
दिप्रिंट ने मेजर जनरल शर्मा के हवाले से बताया है कि भारत और रूस के बीच AK-19 और PPK-20 के लिए प्रौद्योगिकी के पूर्ण हस्तांतरण के लिए बातचीत चल रही है. दोनों ही छोटे हथियारों के मामले में बेहतरीन विकल्प हैं. बातचीत उन्नत चरण में है और यह परियोजना न केवल घरेलू मांग को पूरा करेगी बल्कि निर्यात को भी पूरा करेगी.
इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) ने उत्तर प्रदेश के कोरवा में निर्मित एके-203 असॉल्ट राइफल की सभी 6.01 लाख इकाइयों की आपूर्ति निर्धारित समय से करीब 22 महीने पहले ही कर लेने की योजना बनाई है. आईआरआरपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक मेजर जनरल एस के शर्मा ने कहा कि इन राइफल की आपूर्ति दिसंबर, 2030 तक ही पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. कंपनी को 5,200 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत अक्टूबर, 2032 तक भारतीय सशस्त्र बलों को एके-203 शृंखला के 6,01,427 राइफल की आपूर्ति करनी हैं.
अबतक लगभग 48,000 राइफल की आपूर्ति हो चुकी है
भारतीय सेना को अब तक 48,000 एके-203 राइफल की आपूर्ति हो चुकी है. अगले दो-तीन हफ्तों में 7,000 और दिसंबर तक 15,000 अतिरिक्त राइफलें भी सौंप दी जाएंगी. अमेठी के कोरवा में स्थित कारखाना वर्ष 2026 से हर महीने 12,000 राइफल का उत्पादन करेगा जिससे आपूर्ति लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया जा सकेगा.