पाकिस्तान को तालिबान का झटका, भारत के चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान का व्यापार
अफगानिस्तान का अधिकांश व्यापार ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए

काबुल: अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान के रिश्ते पाकिस्तान के साथ तनाव भरे रहे हैं। तालिबान के नेता पाकिस्तान के लिए सबसे खतरनाक टीटीपी के लड़ाकों को संरक्षण देते हैं, ये बातें इस्लामाबाद कहता रहा है। अब तालिबान ऐसा कदम उठा रहा है जिससे पाकिस्तान को बड़ी आर्थिक चोट पहुंच रही है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान का अधिकांश व्यापार ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए हो रहा है। पहले से ही कंगाल पाकिस्तान के लिए काबुल का ये नया कदम बड़ा झटका साबित होने जा रहा है। ईरान के चाबहार बंदरगाह को भारत ने बनाया है। ऐसे में ये खबर सुनकर पाकिस्तान का तिलमिलाना तय है।
अफगानिस्तान का अधिकांश व्यापार अब तक पाकिस्तान के कराची पोर्ट के जरिए ही होता रहा है। इसके बदले में पाकिस्तान को भी अच्छी कमाई होती रही है। लेकिन अब अफगानिस्तान में नया प्रशासन अब पाकिस्तान से दूरी बना रहा है। तालिबान की अंतरिम सरकार के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, वे नए ट्रांसिट रूट की तलाश कर रहे हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल सलाम जवाद अखुंदजादा ने कहा है कि देश का अधिकांश निर्यात और आयात इस समय ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए हो रहा है।
पाकिस्तान से दूर जा रहा तालिबान, व्यापार रोकने की धमकी
अखुंदजादा ने कहा, “हमने अर्थव्यवस्था आधारित नीति अपनाई है। हमने विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित किए हैं और हम अपने व्यापार के लिए वैकल्पिक मार्ग खोजने में सक्षम हैं।” अफगानिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इनवेस्टमेंट (एसीसीआई) ने भी कहा है कि बड़ी मात्रा में सामान का निर्यात और आयात ईरानी बंदरगाह के जरिए किया जा रहा है। एसीसीआई ने आगे कहा कि वह पाकिस्तान से निर्यात और आयात में कमी करना चाहते हैं। चैंबर ने अफगानिस्तान के व्यापारियों से पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों के बंदरगाहों के माध्यम से माल मंगाने और भेजने को कहा है, जहां अधिक सुविधाएं हैं।
आसिफ ने कहा था कि अगर काबुल हमें अपना दुश्मन समझता है तो वे हमसे उम्मीद कैसे करते हैं कि हम उन्हें व्यापार करने देंगे। आसिफ का बयान पाकिस्तान के अफगानिस्तान पर हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच भारी तनाव है। हमले के बाद तालिबान ने पाकिस्तान को युद्ध की चेतावनी दे डाली थी और कहा था कि अगर यह शुरू हुआ तो पाकिस्तान संभाल नहीं पाएगा।