उत्तराखण्ड राज्यपाल ने 75 टीबी रोगियों को गोद लिया

दूसरों से भी निक्षय मित्र बनने की अपील, 1 अगस्त से राज्यभर में टीबी मुक्त अभियान

देहरादून : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि टीबी उन्मूलन केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए जनभागीदारी और सामूहिक संकल्प आवश्यक है। उन्होंने कहा कि टीबी से स्वस्थ हुए लोग ही असली योद्धा हैं और समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

मंगलवार को राजभवन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि टीबी से मुक्ति का अभियान अभियान अंतिम छोर तक पहुंचे और प्रत्येक रोगी को समुचित देखभाल और उपचार मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जानकारी के अभाव में कोई रोगी उपचार से वंचित न हो।

स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को पूरी तरह टीबी मुक्त बनाना और इस राष्ट्रीय प्रयास में अग्रणी भूमिका निभाना है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक अगस्त से व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत नगर निगम व नगर पंचायत के सभी वार्डों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी निगरानी और मानसिक संबल प्रदान कर उनकी मदद करने वाले 13 नि:क्षय मित्रों को सम्मानित किया। उन्होंने 13 उपचार सहायकों को भी स्मृति चिह्न दिए। राज्यपाल ने टीबी रोग से स्वस्थ्य हुए टीबी चैंपियन को भी सम्मानित किया और गोद लिए गए टीबी मरीजों को पोषण किट प्रदान की।

कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार, अपर सचिव राज्यपाल रीना जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डा सुनीता टम्टा समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने भी 75 टीबी रोगी लिए हैं गोद
कार्यक्रम में राज्यपाल ने बताया कि उन्हें भी नि:क्षय मित्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अब तक उन्होंने 75 टीबी रोगियों को गोद लिया है। जिनमें से 62 रोगी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। राज्यपाल ने सामर्थ्यवान व्यक्तियों से अपील की है कि वे भी आगे आकर नि:क्षय मित्र बनें और इस अभियान को गति दें।

सम्मानित होने वाले नि:क्षय मित्र
हिमालयन वेलनेस कंपनी के डा फारुख, हंस कल्चरणल फाउंडेशन की पूनम किमोठी, देहरादून के मुकेश मोहन, पंकज गुप्ता, साईं इंस्टीट्यूट की डा आरती, रेडक्रास सोसाइटी की कल्पना बिष्ट, कनिष्क हास्पिटल की डा रितु गुप्ता, आस संस्था की हेमलता बहन, स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के राजीव बिजल्वाण, देवभूमि स्वराज फाउंडेशन के इंदर रमोला, महिला जिजीविषा मंच की डाली डबराल, लायंस क्लब के रजनीश गोयल और ममता थापा।

सम्मानित होने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर
सुप्रिया, जोया, कनक, नीरज, नीरा कंडारी, मीना काला, गंगा भंडारी, सरोज, नीरू जैन, पूजा जोशी, शिक्षा अरोड़ा, निर्मला जोशी एवं सचि तिवारी।

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