पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी का बड़ा हमला
आईएसआई के बेस को उड़ा दिया, BLA ने ली हमले की जिम्मेदारी

इस्लामाबाद: चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत बनाए जा रहे ग्वादर बंदरगाह पर हमला हुआ है। बुधवार को ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी (GPA) कॉम्पलेक्स के पास विस्फोट और भारी गोलीबारी की आवाज सुनी गई है। यह एक आतंकी हमला है, जिसमें कथित तौर पर आईएसआई के बेस को उड़ा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने आतंकियों की ओर से किए गए हमले का तुरंत जवाब दिया। सुरक्षाकर्मियों की जवाबी गोलीबारी में दो हमलावर मारे गए। बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
CPEC की जान है ग्वादर
जीपीए ने परिसर के भीतर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को शुरू किया है। बंदरगाहों की क्षमता और क्षेत्र के आर्थिक महत्व को आगे बढ़ाने के लिए अभिन्न अंग हैं। ग्वादर के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है। ग्वादर बंदरगाह होर्मुज जलडमरूमध्य के पास स्थित है जो अरब सागर में एक महत्वपूर्ण तेल शिपिंग रूट है। इसके अलावा यह अरबों डॉलर के CPEC प्रोजेक्ट की लाइफलाइन है।
ग्वादर पोर्ट को बनाने में चीन के इंजीनियर लगे हैं। पाकिस्तान का यह तीसरा सबसे बड़ा बंदरगाह होगा। सुरक्षा अधिकारियों ने GPA कॉम्प्लेक्स के आसपास के क्षेत्र को घेर लिया है। परिसर और उसमें मौजूद लोगों की सुरक्षा के लिए वह काम कर रहे हैं। यह जगह शहर के केंद्र में है। यहां कई बड़े अधिकारियों का आवास भी है। GPA बैंक शाखाओं, कार्गो भंडारण शेड, समुद्री मरम्मत कार्यशालाओं जैसे वाणिज्यिक संरचनाओं के विकास में सहायक है। इसका उद्देश्य निवेशकों को सुविधा प्रदान करना और पाकिस्तान का खजाना भरना है।
चीनी नागरिकों पर होते रहे हैं हमले
बलोचिस्तान में दशकों से अलगाववादी विद्रोह चल रहा है। इसके बावजूद चीन ने खनिज समृद्ध बलूचिस्तान में CPEC के तहत भारी निवेश किया है। इसी में ग्वादर का विकास भी शामिल है। यही कारण है कि चीन के ठिकानों पर पहले भी कई बार आतंकी हमले होते रहे हैं। अगस्त में आतंकियों ने ग्वादर में चीनी श्रमिकों के काफिले पर हमला किया था। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी। हमलों के बाद पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाई जाती रही है।