दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रिश्वत कांड: 9 को अरेस्ट

RML में चल रहा था ‘वसूली’ का खेल, रंगेहाथ पकड़ा गया डॉक्टर पर्वत गौड़ा

नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रिश्वत कांड का हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. सीबीआई ने इस मामले के 16 किरदारों में से 9 को अरेस्ट किया है. इन पर मेडिकल इक्विपमेंट्स सप्लाई करने वाली कंपनियों और दवा कंपनियों से रिश्वत लेने और पैसे लेकर मरीजों का इलाज करने का आरोप है. डॉक्टर्स और मेडिकल इक्विपमेंट्स से जुड़े डीलर्स के 15 ठिकानों पर रेड भी मारी है.

सीबीआई ने करप्शन मामले में जिन 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें आरएमएल अस्पताल के दो डॉक्टर हैं. इसमें एक प्रोफेसर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर है. इन पर मेडिकल इक्विपमेंट्स सप्लाई करने वाली कंपनियों और दवा कंपनियों से पैसे लेने का आरोप है. खुलासा इस बात का भी हुआ है कि अस्पताल में एडमिशन कराने के नाम पर, मेडिकल रेस्ट देने का सर्टिफिकेट देने के नाम पर और इलाज कराने के नाम पर पैसे की उगाही का धंधा चल रहा था.

रंगेहाथ पकड़ा गया डॉक्टर पर्वत गौड़ा
आरएमएल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर पर्वतगौड़ा को ढाई लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है. गौड़ा ने यूपीआई के जरिए पैसा लिया था. इनके अलावा रजनीश कुमार जो कि आरएमएल अस्पताल की कैथ लैब में सीनियर टेक्निकल इंचार्ज है, उसे भी गिरफ्तार किया है.

कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर अजय राज, नर्स शालू शर्मा, क्लर्क भुवल जैसवाल व संजय कुमार गुप्ता और पांच अन्य लोग, जिसमें चार अलग-अलग इक्यूपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते हैं, को सीबीआई प्रिवेंशन ऑफ करप्शन और आपराधिक साजिश के तहत गिरफ्तार किया है.

इलाज के नाम पर क्लर्क के जरिए वसूली
सीबीआई को जानकारी मिली थी कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कई डॉक्टर्स और कर्मचारी करप्शन में शामिल हैं. ये अलग-अलग मॉड्यूल के जरिए करप्शन करते थे. मेडिकल इक्विपमेंट्स की सप्लाई और डॉक्टर्स से उन्हें प्रमोट कराने के बदले प्राइवेट कंपनियों से मोटी रकम लेते थे. गरीब मरीजों से इलाज के नाम पर क्लर्क के जरिए पैसे वसूलते थे.

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, डॉक्टर पर्वतगौड़ा और अजय राज मेडिकल कपनियों के प्रतिनिधि नरेश नागपाल, अबरार अहमद, आकर्षण गुलाटी, मोनिका सिन्हा, भरत सिंह दलाल से उनके इक्यूमेंट्स प्रमोट और सप्लाई करने के नाम पर रिश्वत लेते थे. आरएमएल के क्लर्क भुवल जैसवाल और नर्स शालू शर्मा मरीजों के तीमारदारों से इलाज के नाम पर पैसा ऐंठते थे.

डॉक्टर अजय राय के खेल का पर्दाफाश
आरोप है कि अजय राय ने मैसर्स भारती मेडिकल के भरत सिंह दलाल से 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. 3 मई को फिर 35 हजार रुपये भेजने के लिए कहा. 30 मार्च को आरएमएल अस्पताल में कैथ लैब के तकनीकी प्रभारी रजनीश कुमार ने अबरार अहमद से एक लाख रुपये मांगे. जो कि 31 मार्च को उनके पिता के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए.

इस भ्रष्टाचर में नर्स शालू शर्मा और अस्पताल का क्लर्क भुवाल जयसवाल भी शामिल था. जो लोगों से अस्पताल में मरीजों को भर्ती कराने की एवज में रिश्वत लेते थे. 17 जनवरी को जयसवाल और शालू ने एक शख्स को उसकी गर्भवती पत्नी का इलाज बंद करने को लेकर धमकाते हुए 20 हजार रुपये मांगी. डरे-सहमे मरीज ने जयसवाल के खाते में यूपीआई से यह रकम दी. साथ ही अस्पताल का क्लर्क संजय कुमार गुप्ता भी अवैध गतिविधियों में शामिल था. संजय गुप्ता रिश्वत लेकर लोगों के मेडिकल और फिटनेस प्रमाण पत्र बनाता था.

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