25 साल बाद Microsoft ने पाकिस्तान को कहा अलविदा

पाकिस्तान का वित्तीय वर्ष 2024 का व्यापार घाटा $24.4 बिलियन तक पहुंच गया,

नई दिल्ली : दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों में शामिल Microsoft ने 7 मार्च 2000 को पाकिस्तान में अपना संचालन शुरू किया था, लेकिन 3 जुलाई 2025 को बिना किसी औपचारिक घोषणा के कंपनी ने पाकिस्तान से अपने ऑपरेशंस को पूरी तरह बंद कर दिया। यह जानकारी Microsoft पाकिस्तान के पहले कंट्री हेड जाव्वाद रहमान के बयान से सामने आई, जिन्होंने इसे “एक युग का अंत” बताया।

छंटनी की खबरों और टेक सेक्टर में जारी उठापटक के बीच, दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया है. कंपनी ने भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से खामोशी से अपना कारोबार समेट लिया है. माइक्रोसॉफ्ट ने 25 साल बाद पाकिस्तान में अपनी सभी डायरेक्ट ऑपरेशंस को पूरी तरह बंद कर दिया है. इस खबर की पुष्टि माइक्रोसॉफ्ट पाकिस्तान के पूर्व कंट्री हेड जव्वाद रहमान ने की है. हालांकि कंपनी की ओर से इस फैसले को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता- Microsoft ने आधिकारिक तौर पर कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान की अस्थिर अर्थव्यवस्था, राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर व्यापारिक माहौल इसके पीछे प्रमुख कारण हैं।

  • अस्थिर मुद्रा विनिमय दर (करंसी वैल्यू)
    उच्च टैक्सेशन (करों का बोझ)
    इंपोर्टेड टेक हार्डवेयर की सीमित उपलब्धता
    सरकारों का बार-बार बदलना
    पाकिस्तान का वित्तीय वर्ष 2024 का व्यापार घाटा $24.4 बिलियन तक पहुंच गया,
    जून 2025 तक विदेशी मुद्रा भंडार घटकर $11.5 बिलियन रह गया.

Microsoft के इस फैसले का कारण स्थानीय टैलेंट की कमी नहीं है। पाकिस्तान में तकनीकी क्षमता और बाज़ार की मांग दोनों मौजूद हैं, लेकिन कंपनियों को राजनीतिक और वित्तीय भरोसे की जरूरत होती है जो पाकिस्तान में लगातार कमजोर पड़ा है। कंपनी के लिए पैसे और संसाधनों का निर्बाध आवागमन संभव नहीं हो पा रहा था।

भारत-पाक व्यापार तनाव ने और बढ़ाई दिक्कत
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2018 के $3 बिलियन से घटकर 2024 में $1.2 बिलियन रह गया है। महत्वपूर्ण वस्तुओं जैसे दवाइयों के आयात अब तीसरे देशों के ज़रिए हो रहे हैं, जिससे लागत और देरी दोनों बढ़े हैं। भूराजनीतिक तनाव ने निवेश के माहौल को और ज्यादा खराब किया है।

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