भारत को जल्‍द मिलने वाला है नया सर्च इंजन

खत्म होगी गूगल की बादशाहत, बड़े-बड़े दिग्‍गज लगा रहे इस कंपनी में पैसा

नई दिल्‍ली : बीते कई साल से दुनिया का इकलौता सर्च इंजन बना गूगल अब तगड़ी प्रतिस्‍पर्धा का सामना कर रहा है. उसकी बादशाहत अब खत्‍म होने की कगार पर है. गूगल का मुकाबला करने के लिए जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी Perplexity ने 50 करोड़ डॉलर (करीब 4,400 करोड़ रुपये) की फंडिंग भी जुटा ली है. इस फंडिंग के बाद स्‍टार्टअप का मूल्‍यांकन 14 अरब डॉलर (करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये) पहुंच जाएगा. इस स्‍टार्टअप को इंटरनेट सर्च की दुनिया में क्रांति लाने वाली सबसे संभावित AI कंपनियों में से एक माना जा रहा है.

Perplexity का लक्ष्य गूगल के दशकों से चले आ रहे इंटरनेट सर्च के प्रभुत्व को तोड़ना है और वर्तमान में यह अपने खुद के ब्राउजर कॉमेट (Comet) को लॉन्च करने की प्रक्रिया में है. कॉमेट को गूगल के सर्च इंजन क्रोम को टक्‍कर देने के लिए बनाया जा रहा है और यही कारण है कि इस प्रोजेक्‍ट ने दुनियाभर के दिग्‍गजों का ध्‍यान खींचा है. इसकी लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ती जा रही है और गूगल के लिए अब चुनौती बढ़ती जा रही है.

अब तक किसने लगाया पैसा
कॉमेट के लिए अब तक दुनिया के कई दिग्‍गजों ने निवेश किया है. इसमें Nvidia, SoftBank के Vision Fund 2, अमेजन के संस्थापक जेफा बेजोस, OpenAI के सह-संस्थापक आंद्रेज कारपेथी, Google AI के कार्यकारी अधिकारी Jeff Dean और Meta के Yann LeCun जैसे तकनीकी पायनियर्स ने भी फंडिंग की है. गूगल को इस नए सर्च इंजन से चुनौती मिलने के साथ ही यह कंपनी अमेरिका में प्रतिस्‍पर्धा विरोधी चुनौतियों का भी सामना कर रही है.

कंपनी के संस्थापक अरविंद श्रीनिवास ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि नई फंडिंग का उपयोग कंपनी के ब्राउजर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में किया जाएगा. यह स्‍टार्टअप बहुत जल्द कॉमेट नामक से नया एजेंटिक ब्राउजर लॉन्च करेगा. यह एक बहुत ही गंभीर इंजीनियरिंग प्रयास है. कृपया हमारे साथ जुड़ें और इंटरनेट ब्राउजिंग के भविष्य को बनाने में मदद करें, जहां एआई हमारे लिए गहन शोध और कार्य करेंगे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button