भारत-ब्रिटेन के बीच होगा फ्री ट्रेड, दोनों देशों के बीच बनी सहमति
भारत के 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण के अनुरूप समझौता

नई दिल्ली : भारत और ब्रिटेन के संबंधों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमत हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया। उन्होंने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा भारत और ब्रिटेन ने महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को सफलतापूर्वक संपन्न किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को भारत आने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते तथा दोहरे अंशदान सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए टेलीफोन पर बातचीत की।
दोनों नेताओं ने इस समझौते को द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा। वार्ता के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि दुनिया की दो बड़ी और खुली बाजार अर्थव्यवस्थाओं के बीच ऐतिहासिक समझौते व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलेंगे, आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगे और लोगों के बीच संबंधों को गहरा करेंगे।
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के साथ गठबंधन को मजबूत करना और व्यापार बाधाओं को कम करना, एक मजबूत और अधिक सुरक्षित अर्थव्यवस्था प्रदान करने के लिए ब्रिटेन की ‘परिवर्तन योजना’ का हिस्सा है।
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार लगातार मजबूत और बहुआयामी साझेदारी की आधारशिला बना हुआ है। वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को कवर करने वाले एक संतुलित, न्यायसंगत और महत्वाकांक्षी एफटीए के समापन से द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि, रोजगार के नए अवसर पैदा होने, जीवन स्तर में सुधार और दोनों देशों के नागरिकों की समग्र भलाई में सुधार होने की उम्मीद है।
यह दोनों देशों के लिए वैश्विक बाजारों के लिए उत्पादों और सेवाओं को संयुक्त रूप से विकसित करने की नई संभावनाओं को भी खोलेगा। बयान में कहा गया है कि यह समझौता भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव को मजबूत करता है और सहयोग और समृद्धि के एक नए युग का मार्ग प्रशस्त करता है।
यह दूरदर्शी समझौता भारत के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप है और दोनों देशों की विकास आकांक्षाओं को पूरा करता है।
यह बैठक नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई चर्चा पर आधारित है। बयान में कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बैठक के बाद, फरवरी 2025 में गहन एफटीए वार्ता फिर से शुरू हुई, जिसमें वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूके के विदेश मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और उनकी टीमों के बीच कई बैठकें हुईं।