लखनऊ की वृंदावन कॉलोनी में बनेगा नया सिटी बस टर्मिनल

7.06 एकड़ में बनेगा, 141 ई-बसें और 52 सीएनजी बसें एक साथ चल सकेंगी

लखनऊ : राजधानी स्थित वृंदावन योजना की पी-4 पार्किंग में सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल के लिए कैबिनेट ने 380 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। पहले सिटी बसों का संचालन मुख्य रूप से चारबाग से होता था। चारबाग में पीपीपी मॉडल पर रोडवेज का बस अड्डा बन रहा है। इस कारण सिटी बसों के संचालन का मामला अटक गया था। ऐसे में नगरीय परिवहन निदेशालय ने पी-4 पार्किंग में सिटी बस अड्डा बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।

नगरीय परिवहन निदेशालय ने वृंदावन योजना में पी-4 पार्किंग की जमीन उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से 150 करोड़ रुपये में खरीदी थी। फिलहाल यहां बसों की पार्किंग और रखरखाव हो जा रहा है। तय योजना के मुताबिक, सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल 7.06 एकड़ में बनेगा। इसमें कमर्शल जोन भी होगा। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बनाया जाएगा। इसके लिए पूरी जमीन किसी निजी विकासकर्ता को 60 साल के लिए लीज पर दी जाएगा।

193 बसें चलेंगी
नए बस टर्मिनल से 141 ई-बसों और 52 सीएनजी बसों का एक साथ संचालन हो सकेगा। यहां पर भविष्य में 150 अतिरिक्त ई-बसों के लिए भी जगह छोड़ी जाएगी। इसके साथ 275 कारों की पार्किंग, वेटिंग रूम, वातानुकूलित वेटिंग हॉल, पूछताछ व बुकिंग काउंटर, आरक्षण, पार्सल रूम, क्लॉक रूम, कियॉस्क, फूड स्टॉल, यूरिनल, शौचालय, जल एटीएम, मेडिकल एड रूम, क्रेच, बैंक, एटीएम, पुलिस बूथ और सुरक्षा नियंत्रण कक्ष भी होंगे।

तीन साल में पूरा होगा
बस टर्मिनल में कमर्शल जोन भी होगा। इस हिस्से में मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनेंगे। पीपीपी मॉडल पर यह बस अड्डा तीन साल में तैयार किया जाएगा, जबकि कमर्शल जगह पांच साल में पूरा करना होगा। 60 साल की लीज समाप्त होने के बाद सरकार इसे अपने स्वामित्व में ले लेगी। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि यह परियोजना लखनऊ के शहरी बुनियादी ढांचे के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय है।

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