दिल्ली शराब नीति मामले में AAP भी आरोपी!

ED ने हाई कोर्ट को बताया अगली चार्जशीट में होगा नाम

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी को कथित शराब नीति घोटाले में आरोपी बनाया जाएगा, जिसमें पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित उसके तीन प्रमुख नेताओं को सलाखों के पीछे जाना पड़ा है, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है। यह पहली बार होगा जब किसी राजनीतिक दल को किसी मामले में आरोपी बनाया जाएगा।

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया है, जो आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, कि मामले में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया जाएगा और उसमें पार्टी का नाम होगा।

ईडी के वकील ने यह दलील उस समय दी, जब हाई कोर्ट एक्साइज पॉलिसी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. हालांकि, ED ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि शराब नीति मामले में सुनवाई में देरी के लिए आरोपियों की ओर से ठोस प्रयास किए जा रहे हैं.

क्या है आबकारी नीति?
साल 2021 में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति पेश की थी. साल 2022 आते-आते आबकारी नीति सवालों के घेरे में आ गई. एलजी वीके सक्सेना ने नीति बनाने और लागू करने में हुईं कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद सीबीआई और ED ने कथित अनियमितताओं के संबंध में मामले भी दर्ज किए. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति को रद्द कर दिया.

दिल्ली आबकारी नीति के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मार्च 2024 में गिरफ्तार कर लिया. अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार (10 मई) को उन्हें अंतरिम जमानत दे दी. अरविंद केजरीवाल को 2 जून को फिर सरेंडर करना होगा.

बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, इनमें संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई, जबकि मनीष सिसोदिया अभी भी जेल में है.

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