10 हजार करोड़ का GST फ्रॉड

दिल्ली का करोड़पति कारोबारी गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा: 10 हजार करोड़ रुपये के जीएसटी फर्जीवाड़े मामले में सेक्टर-20 पुलिस ने बुधवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दिल्ली का कारोबारी है, जो फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहा था. मामले में नोएडा पुलिस की ओर से की गई यह 33वीं गिरफ्तारी है. जल्द और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े मामले में थाना सेक्टर 20 पुलिस ने तिलक नगर निवासी तुषार गुप्ता को उसके कार्यालय से गिरफ्तार किया. वह दिल्ली सहित अन्य जगहों पर पैकेजिंग और मेटल सहित अन्य चीजों का कारोबार करता था और लंबे समय से वांछित था. वह 35 फर्जी कंपनियों और फर्म से 24 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड, गलत तरीके से ले चुका था. इस संबंध में थाना सेक्टर 20 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है.

उन्होंने बताया कि पहले भी उसकी गिरफ्तारी की जा चुकी है, लेकिन तब वह करीब दो महीने तक जेल में रहने के बाद छूट गया था. आरोपी ने अपने बिजनेस की आड़ में 35 फर्जी कंपनियां बनाई थी. वह इसी फर्जी जीएसटी फर्मों के फर्जी इन्वॉयस के माध्यम से अवैध लाभ कमाता था. इस मामले में दो कारोबारियों अजय शर्मा और संजय जिंदल को गिरफ्तार किया गया था, जिनसे पूछताछ के दौरान तुषार के बारे में जानकारी मिली थी.

आरोपी फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहा था। इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नाम पर कर रहा था फ्रॉड नोएडा के DCP Crime शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि फर्जी जीएसटी फर्म का दुरुपयोग कर अरबों रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फ्रॉड करने के आरोप में थाना सेक्टर 20 पुलिस ने दिल्ली के तिलक नगर निवासी तुषार गुप्ता को बुधवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी को उसके तिलक नगर दिल्ली स्थित कार्यालय से दबोचा गया। तुषार दिल्ली समेत अन्य जगहों पर पैकेजिंग और मेटल समेत अन्य चीजों का कारोबार करता था।

इन्हीं से पूछताछ के दौरान तुषार का लिंक मिला था। अब तक 33 आरोपी गिरफ्तार, नहीं मिली किसी को जमानत नोएडा पुलिस ने वर्ष 2023 के जून में 2600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस मामले में गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव ,राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार ,महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग, कुणाल समेत 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। खास बात यह है अब तक किसी भी आरोपी को भी जमानत नहीं मिली है।

अन्य फरार आरोपियों की तलाश में नोएडा पुलिस की तीन टीमें कई संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। ऐसे करते थे फ्रॉड आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल करने के बाद फर्जी कंपनी और फर्म खोलने थे। इस कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व महज कागजों पर होता था,धरातल पर कोई भी कंपनी नहीं होती थी। इसके बाद आरोपी जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाते थे। जांच में यह पता चला है कि जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच भी देते थे। इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद करने का भी काम भी व्यापक स्तर पर होता था। इस फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है।

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