यूपी में में पेड़ काटने पर लगेगा 25 हजार का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश

आगरा (यूपी) : आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस, एटा और भरतपुर के 10,400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ों को काटने पर जुर्माना सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक लगाया जाएगा। टीटीजेड में यह 5 हजार से 25 हजार रुपये के बीच लगेगा, वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में पेड़ काटने पर जुर्माना बढ़ाने के लिए फॉरेस्ट एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में डॉ. शरद गुप्ता की याचिका पर पेड़ काटने पर जुर्माना बढ़ाने के मामले में कोर्ट ने सीईसी की सिफारिशों को मान लिया। टीटीजेड में बिना अनुमति पेड़ काटने पर सीईसी ने एक लाख रुपये प्रति पेड़ की सिफारिश डालमिया बाग, माथुर फार्म हाउस और गधापाड़ा मालगोदाम केस में की है,
जबकि टीटीजेड पर जारी की गई रिपोर्ट में यह सिफारिश 5 से 25 हजार रुपये तक है। वन विभाग जिन केस को दर्ज करेगा, उनमें यह जुर्माना राशि बढ़ाकर ली जाएगी। निजी जमीन पर प्रतिबंधित श्रेणी से अलग प्रजाति के पेड़ काटने पर 5 हजार, प्रतिबंधित श्रेणी के पेड़ों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ों की गिनती पर दाखिल की गई फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून की रिपोर्ट को मंजूर कर लिया। एफआरआई ने साढ़े पांच साल का समय और 7 करोड़ रुपये की मांग की थी। कोर्ट ने सात करोड़ रुपये की राशि उत्तर प्रदेश सरकार के साथ राजस्थान सरकार को भी देने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि पेड़ों की गिनती का काम 66 माह में किया जाएगा। एनसीआर की तर्ज पर पेड़ों की गिनती होगी, जिससे भविष्य में पेड़ों का कटान होने पर स्पष्टता रहेगी।
पेड़ लगाने की जमीन नहीं- सेतु निगम
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने रुनकता पर बिना अनुमति के बना लिए गए पुल और पेड़ों को काटने की याचिका बाद में दायर करने के मामले में कहा कि उनके पास पेड़ लगाने के लिए जमीन नहीं है। पूरे टीटीजेड में सेतु निगम कई पुलों का निर्माण कर रहा है, ऐसे में प्रतिपूरक पौधरोपण के लिए उनके पास जगह नहीं है। कोर्ट ने पूर्व में सेतु निगम पर इसी मामले में 5 लाख रुपये का जुर्माना किया था, जिसे बढ़ाने की मांग की गई थी। इस मामले में सुनवाई थोड़ी देर ही चल पाई।