उत्तर प्रदेश: गाजीपुर के 174 स्कूलों रोका गया वेतन!

छात्रों के सत्यापन कार्य में देरी से बच्चों की राशि के वितरण प्रभावित

लखनऊ/गाजीपुर : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के 174 विद्यालयों के प्रधानाचार्य, अध्यापक सहित सभी स्टॉफ का वेतन विभाग ने रोक दिया है. दरअसल, गर्मियों की छुट्टी से पहले सभी विद्यालयों के छात्रों का सत्यापन कार्य किया जाना है. लेकिन गाजीपुर के 174 विद्यालयों के छात्रों का अभी तक सत्यापन कार्य नहीं पूर्ण करने के चलते बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस तरह के कदम उठाए हैं. इसके बाद से ही विभाग में हड़कंप पर मचा हुआ है.

गाजीपुर में बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा चलने वाले परिषदीय विद्यालय, जिसके छात्रों को जूता-मोजा, बैग व अन्य सामान के लिए प्रतिवर्ष डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये उनके अभिभावकों के खाते में भेजा जाता है. लेकिन पिछले सत्र में बहुत सारे छात्रों का डीबीटी नहीं होने के कारण उन्हें इस योजना से महरूम होना पड़ा था. इसकी वजह से ठंड के मौसम में बहुत सारे छात्रों को बगैर जूता मोजा के ही स्कूल आना पड़ा. ऐसे में इस बार बेसिक शिक्षा विभाग गर्मी की छुट्टियां पूरा होने से पूर्व यू डायस बोर्ड के माध्यम से सभी छात्रों का शत प्रतिशत डीबीटी करने का लक्ष्य रखा है.

डीबीटी करने के लक्ष्य को जनपद के 174 परिषदीय विद्यालय अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं. इसे शत प्रतिशत पूरा करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य टीचर व अन्य स्टाफ का वेतन रोक दिया है.

गाजीपुर के स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 184000 है और सत्यापन की प्रक्रिया होने के बाद ही डीबीटी के माध्यम से ही हर बच्चे को यूनिफॉर्म में जुता-मोजा और बैग के लिए 1200 रुपये अभिभावकों को खाते में भेजा जाना है. अब तक 17 विकास खंडों में 341 विद्यालयों में सत्यापन कार्य शेष है. इनमें से 10 या उससे अधिक सत्यापन के लिए लंबीत छात्राओं वाले 174 विद्यालय शामिल हैं, जिसमें सबसे ज्यादा स्कूल कासिमाबाद ब्लॉक के हैं.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यू डायस बोर्ड पर जनपद के 174 विद्यालयों ने डीबीटी के कार्य को पूर्ण नहीं किया. इसके लिए सभी का वेतन रोकते हुए इस कार्य को शत प्रतिशत पूरा किए जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक जनपद के करीब 10000 छात्र-छात्राओं का डीबीटी होना शेष है.

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