अब पारिवारिक विवादों में पत्नियों के लिए RTI!
मांगी जा रही है सैलेरी से लेकर ड्यूटी तक की जानकारी

पारिवारिक कलह के चलते पत्नियां सूचनाधिकार का ले रही सहारा
आगरा (UP) : सूचनाधिकार (आरटीआइ) अब पारिवारिक विवादों में पत्नियों के लिए नया हथियार बन रहा है। जहां उनकी पतियों से अनबन हो रही है या शक होता है, तो वह आरटीआइ का प्रयोग कर रही हैं। आरटीआइ में पिछले एक वर्ष में प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित दूसरे सरकारी विभागों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पति के बारे में जानकारी मांगने वाली पत्नियां ही निकलीं।
पिछले दिनों कुछ पुलिसकर्मियों की पत्नियों ने आरटीआइ के तहत अपने पति के वेतन, विशेष ड्यूटी से लेकर शैक्षणिक दस्तावेजों की जानकारी मांगी, तो एक अधिकारी को लगा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है।
सामने आया कि इसके पीछे पारिवारिक विवाद या शक ही है। परामर्श केंद्र पर पत्नियां काउंसलिंग में यह जानकारी लेकर पहुंच रही हैं। एक विवाद में पत्नी की शिकायत थी कि पति वेतन कम बताकर खर्च के लिए पैसे देने से बचते हैं।
पत्नी ने आरटीआइ से वेतन की जानकारी मांगी और परामर्श केंद्र में पर पति के सामने ही पेश कर दिया। पति के बाहर तैनाती की स्थिति में शक कुछ ज्यादा गहराने लगा है। कुछ महिलाओं ने घर से बाहर रहने के मामलों में भी ड्यूटी के बारे में जानकारी मांगी।
पत्नी के सूचना मांगने पर विभाग के सामने यह दिक्कत होती है कि वेतन या ड्यूटी की जानकारी दी जाए या नहीं। ऐसे में पति के नामांकनों के कागजों को देखा जाता है। यदि वह नामांकित हैं तो ही जानकारी दी जाती है।
पति-पत्नी के बीच होने वाले विवाद में परिवार परामर्श केंद्र में भी सूचनाधिकार के तहत जानकारी मांगी जाती हैं। इसमें पत्नियों द्वारा यह ज्यादा किया जाता है। इनमें 60 प्रतिशत पत्नियां शिकायत पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगती हैं। 40 प्रतिशत मामलों में पति भी जानकारी ले रहे हैं। दोबारा पुलिस तक विवाद पहुंचते हैं को केंद्र में होने वाले समझौते को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर दिया जाता है।
अपर पुलिस आयुक्त पूनम सिरोही ने बताया कि RTI का प्रयोग करने वालों में अधिकांश संख्या परिवार परामर्श केंद्र से संबंधित है। पति-पत्नी एक दूसरे के विरूद्ध शिकायत पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी मांगते हैं।
केस एक : पुलिस लाइंस में तैनात एक पुलिसकर्मी का पत्नी से विवाद चल रहा था। पति जितना वेतन बताता था, उस पर पत्नी को यकीन नहीं था। पत्नी ने सूचनाधिकार के तहत पति को मिलने वाले वेतन के बारे में जानकारी मांगी। इसे दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया।
केस दो: एक कांस्टेबल का पत्नी से विवाद बढ़ गया। पत्नी को पता चला था कि पति की अंकतालिका में कुछ हेराफेरी है। पत्नी ने आरटीआइ के तहत शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जानकारी ली।