बरसों से बंद बैंक खातों को किया जाएगा चालू

उपभोक्ताओं को फोन करके जाएगा बुलाया; पैसा होगा वापस

लखनऊ : लंबे अरसे से बंद व निष्क्रिय बैंक खातों को उच्च प्राथमिकता पर सक्रिय किया जाएगा। इस संबंध में सभी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं। खाता दोबारा सक्रिय कराने के लिए आधार सीडिंग के अलावा अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। दस वर्ष से निष्क्रिय खातों में जमा जिस धनराशि को डीईएएफ (जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता) फंड में ट्रांसफर किया चुका है, उसे भी बैंक खाताधारक जरूरी दस्तावेज देकर वापस पा सकते हैं।

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने ग्राहक के हित में लगातार कई कदम उठाए हैं। इसके तहत निष्क्रिय पड़े बैंक खातों को सक्रिय कर उसमें जमा धनराशि ग्राहकों को पुन: दिलाने के प्रयास शामिल हैं। निष्क्रिय पड़े खातों को केवाईसी अपडेट के साथ सक्रिय करने के लिए सभी बैंकों से कहा गया है। ऐसे मामलों की रिपोर्ट भी बैंकों को नियमित रूप से देनी होगी।

निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए केवाईसी अपडेट कराना होगा। इसके लिए नवीनतम केवाईसी दस्तावेजों के साथ बैंक शाखा में जाना होगा। दस्तावेजों के रूप में पहचान प्रमाण और पते के प्रमाण जैसे दस्तावेजों की जरूरत होगी। खाता सक्रिय करने के लिए बैंक में आवेदन देना होगा। बैंक प्रस्तुत केवाईसी दस्तावेजों और आवेदन की जांच करेगा। सब कुछ सही पाया गया तो बैंक खाते को सक्रिय कर देगा।

यदि खाता 10 साल से अधिक समय से निष्क्रिय है, तो संभव है कि उसमें जमा राशि को डीईएएफ (जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता) फंड में स्थानांतरित कर दिया गया हो। ऐसी स्थिति में उचित दस्तावेजों के साथ बैंक से संपर्क करके अपने पैसे का दावा करना होगा। बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे दावों का निस्तारण प्राथमिकता से करें।

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