अब DL बनवाने के लिए नहीं जाना पडेगा 20 किमी दूर

आरटीओ में तैयार ट्रैक पर होगा ड्राइविंग टेस्ट

देहरादून : अब शहरवासियों को दोपहिया के परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट देने को शहर से 20 किमी दूर इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) झाझरा में नहीं जाना पड़ेगा।परिवहन विभाग ने इसके लिए आरटीओ कार्यालय देहरादून परिसर में ड्राइविंग ट्रैक तैयार करा लिया है, जिस पर सोमवार यानी नौ जून से टेस्ट आरंभ हो जाएंगे।

यह राहत केवल दोपहिया का डीएल टेस्ट देने वाले आवेदकों पर ही रहेगी, जबकि जिन आवेदकों का टेस्ट दोपहिया व कार का होगा, उन्हें आइडीटीआर झाझरा में ही जाना पड़ेगा। आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि आरटीओ कार्यालय परिसर में निर्धारित मानकों के अनुसार ड्राइविंग ट्रैक बना लिया गया है, अब यहां कैमरों की निगरानी में टेस्ट लिया जा सकता है।

वर्तमान में डीएल के लिए लर्निंग लाइसेंस का टेस्ट आरटीओ कार्यालय में कंप्यूटर पर बहुविकल्पीय सवालों के जवाब देकर होता है। परमानेंट डीएल टेस्ट के लिए शहर से करीब 20 किमी दूर झाझरा आइडीटीआर जाना पड़ता है। यहां ड्राइविंग ट्रैक पर सीसी कैमरों की निगरानी में टेस्ट होता है।

शहर से दूर होने के कारण बुजुर्गों, महिलाओं और नान-गियर वाहन का लाइसेंस बनाने वाले 16 से 18 साल तक की आयु के बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आरटीओ ने प्रस्ताव बनाया था कि दुपहिया लाइसेंस बनाने वालों को झाझरा जाने से राहत दे दी जाए। आरटीओ के प्रस्ताव को मुख्यालय से स्वीकृति मिल गई है।

आरटीओ कार्यालय में दुपहिया डीएल का टेस्ट देने के लिए आवेदक को हेलमेट भी अपने साथ लाना होगा। यह भी सुनिश्चित कर लें कि आवेदक दुपहिया चलाना भलीभांति जानता हो। ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट के दौरान केवल एक बार ही मौका मिलेगा, यदि इस दौरान पांव फर्श पर रख दिया तो आवेदक फेल माना जाएगा।

आरटीओ ने आवेदकों से अपील की है कि वह किसी बाहरी व्यक्ति के चक्कर में न पड़ें। खुद सारथी साफ्टवेयर पर आवेदन आनलाइन करें या कामन सर्विस सेंटर पर 30 रुपये शुल्क देकर आवेदन करा लें। टेस्ट देने से पूर्व आवेदक को बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट भी देना होगा।

युवतियों व महिला आवेदक को सुरक्षा कारणों से अपने साथ एक सहयोगी या स्वजन को भी ले जाना पड़ता है। यहां सबसे बड़ी परेशानी दून-पांवटा राजमार्ग से चार किमी अंदर आइडीटीआर तक पहुंचना है। क्योंकि, वहां सार्वजनिक परिवहन सुविधा नहीं है। यही स्थिति 50 वर्ष से ऊपर के आयु वालों के साथ भी है। वहीं, नान-गियर वाहन के लाइसेंस का टेस्ट देने जाने वाले 16 से 18 वर्ष तक के बच्चे भी वहां अकेले नहीं जा पाते।

वैधता समाप्त तो देना होगा झाझरा में टेस्ट
अगर आपके ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता समाप्त हुए एक वर्ष से अधिक हो गया है तो आपको दोबारा टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। अभी तक डीएल की वैधता समाप्त होने पर आरटीओ कार्यालय में ही लाइसेंस का नवीनीकरण कार्य किया जा रहा था, लेकिन अब परिवहन विभाग ने ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट की अनिवार्यता कर दी है। टेस्ट के लिए इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) झाझरा होगा। हालांकि, यह शर्त केवल उन आवेदकों पर लागू होगी, जिनके डीएल की वैधता समाप्त हुए एक वर्ष की समय-सीमा पूरी हो चुकी होगी। हालांकि, निवास पते में बदलाव या मोबाइल नंबर आदि में बदलाव जैसे कार्य पूर्व की तरह ही आरटीओ कार्यालय में होते रहेंगे।

फीस हो जाएगी 118 रुपये कम
आरटीओ परिसर में दोपहिया का टेस्ट देने के कारण आवेदकों को 20 किमी की दूरी नापने से ही नहीं बल्कि लाइसेंस फीस में भी 118 रुपये का लाभ होगा। दोपहिया के परमानेंट डीएल टेस्ट की आनलाइन फीस 900 रुपये है। आइडीटीआर में सेवा शुल्क के तौर पर 118 रुपये अलग लिए जाते हैं। अब जब टेस्ट आइडीटीआर में होगा ही नहीं तो यह सेवा शुल्क भी नहीं देना होगा।

एक वर्ष तक कोई जुर्माना नहीं
अगर आपके डीएल की वैधता समाप्त हुए एक वर्ष पूरा नहीं हुआ है तो आपको इसके नवीनीकरण पर कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। बस, नवीनीकरण का शुल्क जमा कराकर आपका काम हो जाएगा। लेकिन, वैधता समाप्त हुए एक वर्ष पूरा होने या इससे अधिक होने पर 1000 रुपये जुर्माना भी देना पड़ेगा।

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