लखनऊ: व्यापारी की आत्महत्या में नया मोड़: साढ़ू व साली पर एफआईआर
ससुराल की संपत्ति पर चल रहा था अनबन

लखनऊ : चौक के अशरफाबाद में कपड़ा व्यापारी शोभित की आत्महत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। छानबीन में सामने आया है कि शोभित का ससुराल की संपत्ति को लेकर अनबन चल चल रहा था। शोभित की पत्नी सुचिता की दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। एक बहन मुदिता पति विवेक के साथ नेपालगंज स्थित मायके में मां के साथ रहती है।
भाई शरद ने बताया कि शोभित अपनी पत्नी सुचिता और बेटी ख्याती के साथ दूसरे मकान में रहते थे। आरोप हैं कि नेपाल के नेपालगंज निवासी शोभित के साढ़ू विवेक और उसकी पत्नी मुदिता ने व्यापार का झांसा देकर शोभित से लाखों रुपये लिए थे।
शोभित ने कर्ज लेकर यह रुपये विवेक को दिए लेकिन लौटाने की बात आई तो उन्होंने मना कर दिया और शोभित को धमकी भी दी। साथ ही ससुराल की पैतृक संपत्ति में हिस्सा भी नहीं देना चाहते थे। शोभित कुछ दिन पहले नेपालगंज भी गए थे लेकिन यहां भी किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।
ऐसे में उन्होंने अवसाद में आकर परिवार के साथ आत्महत्या कर ली। चौक इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि विवेक और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामले को लेकर और तथ्य जुटाए जा रहे हैं। प्रथम दृष्टया 28 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई है लेकिन रकम और भी अधिक हो सकती है। इसका पता लगाया जा रहा है।
एसीपी राजकुमार सिंह के मुताबिक शोभित के भाई शेखर की तहरीर पर विवेक उसकी पत्नी मुदिता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। पूछताछ में सामने आया है कि सुचिता से उनकी दोनों बहनें इधर कुछ समय से बात नहीं कर रही थीं। पुलिस का कहना है कि सुचिता ने मां से इस संबंध में कई बार संपर्क किया था। सुसाइड नोट में भी इस बात का जिक्र किया गया है। पूछताछ के दौरान शोभित के साढ़ू और साली ने कई सवालों के जवाब पुलिस को नहीं दिए।
परेशान शोभित आरोपियों से बात करने के लिए 15 दिन पहले पत्नी व बेटी के साथ नेपालगंज ससुराल गए थे। इस दौरान उन्होंने विवेक और उसकी पत्नी से उधार लिए पैसे वापस करने और संपत्ति का बंटवारा करने की बात कही थी। आरोप है कि इसपर विवेक ने उन्हें न केवल धमकाया था बल्कि बेईज्जत करके भगा दिया था। आरोपी ने कहा था कि यह नेपालगंज है। यहां पर वह जो चाहेगा वही होगा। विवेक न ससुराल में हिस्से की संपत्ति भी देने से मना कर दिया था। अपमान के बाद शोभित सपरिवार वापस आ गए थे। इसके बाद उन्होंने जान दे दी।
राजाजीपुरम ई ब्लॉक के किराना कारोबारी पारस मिश्रा ने बताया कि शोभित ने साड़ी, लहंगा और सलवार-सूट आदि की दुकान खोली थी। वह अक्सर बताते थे कि व्यापार में घाटा हो रहा है। चर्चा है कि तीन चार दिन पहले उनके घर और दुकान पर कुछ लोग तगादा करने आए थे। वहीं, राजाजीपुरम व्यापार मंडल के अध्यक्ष ऋषभ गुप्ता ने बताया कि शोभित रस्तोगी उनके अच्छे परिचित थे। वह अपने व्यापार को लेकर चिंतित रहते थे। शोभित ने संगठन के किसी पदाधिकारी से कभी कर्ज का जिक्र नहीं किया।
नाम नहीं लिखने की शर्त पर एक व्यापारी ने बताया कि कर्ज चुकाने के लिए शोभित ने कर्ज का ही सहारा लिया। यही वजह है कि उनपर ऋण बढ़ता गया। शोभित ने बैंक की किस्त चुकाने के लिए सूदखारों से उधार ले लिया था। इसका ब्याज भी हर माह वह भर रहे थे। धीरे धीरे कर्ज के साथ सूदखोरों का दबाव भी बढ़ता गया। कई बार सूदखोर उन्हें बेईज्जत करने की धमकी भी देते थे। इससे शोभित तनाव में थे।