चिटफंड कंपनी ने उत्तराखंड के लोगों को लगाया 800 करोड़ का चूना
नैनीताल हाई कोर्ट में सरकार से दो सप्ताह में जवाब-तलब

नैनीताल : हाई कोर्ट ने चिटफंड कंपनी एलयूसीसी के प्रदेश के लोगों के आठ सौ करोड़ का चूना लगाकर फरार होने के मामले में सुनवाई की। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीबीआइ के अधिवक्ता को भी इसमें राय देने को कहा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई को दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
ऋषिकेश निवासी आशुतोष ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि एलयूसीसी नामक चिटफंड कम्पनी के की ओर से वर्ष 2021 में प्रदेश के कई जिलों में लोगों को तरह- तरह के लाभ देने के उद्देश्य से अपना ऑफिस देहरादून, ऋषिकेश सहित पौड़ी में खुलवाया। जिसके बाद स्थानीय लोगो को अपना एजेंट नियुक्त किया गया।
अभिकर्ताओं ने अपने करीबियों को कंपनी में निवेश करने का आग्रह किया, लोगों ने सहानुभूति दिखाकर निवेश भी किया जबकि राज्य में कंपनी ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया। 2023 -24 में कंपनी अपने ऑफिस बंद कर फरार हो गई।
निवेशकों की शिकायत पर प्रदेश में 14 तथा अन्य राज्यों में कंपनी के विरुद्ध 56 मुकदमे दर्ज हुए लेकिन पता चला कि मुख्य आरोपित दुबई भाग गया है। अब निवेशक अभिकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं, अभिकर्ताओं को पुलिस भी परेशान कर रही है।
बुधवार को इस मामले की जांच कर रहे विवेचक कोर्ट में पेश भी हुए। याचिका में सवाल उठाया गया है कि जब राज्य में कोई बाहरी कंपनी बिना पंजीकरण के कार्य कर रही थी तो तब सोसाइटी के सदस्य व सरकार क्या कर रही थी, लिहाजा पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।