अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी के संचालन और रखरखाव का जिम्मा LDA को

परियोजना पर अब तक 821.74 करोड़ रुपये खर्च, एलडीए 30 सालों में चुकाएगा

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है। योगी सरकार ने JPNIC सोसायटी को भंग करते हुए उसके संचालन और रखरखाव का जिम्मा लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इसको लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। बता दें, लंबे समय से बंद पड़े जेपीएनआईसी को लेकर लगातार यह मुद्दा गरमाता रहा है। अब सरकार ने इसके संचालन की जिम्मेदारी एलडीए को दे दी है।

इस संबंध में यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र परियोजना के लिए गठित JPNIC सोसायटी को भंग करते हुए उसके संचालन और रखरखाव के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को दिए जाने के संबंध में फैसले पर मुहर लगी है। यह एक बहुत बड़ा फैसला है। इसका संचालन एलडीए द्वारा किया जाएगा। जेपीएनआईसी परियोजना के लिए शासन द्वारा अब तक कुल अवमुक्त धनराशि रुपये 821.74 करोड़ को लखनऊ विकास प्राधिकरण के पक्ष में स्थानान्तरित ऋण माना जायेगा। जिसे लखनऊ विकास प्राधिकरण को आगामी 30 सालों में चुकाना होगा।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि परियोजना को पूर्ण कराने, निजी सहभागिता से अनुरक्षण एवं संचालन के लिए प्रक्रिया/शर्तें निर्धारित करने, सोसाइटी को भंग करने, सदस्यता समाप्त करने व अन्य अनुषांगिक कार्यवाही हेतु लखनऊ विकास प्राधिकरण को अधिकृत किये जाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत राज्य स्तर का आडिटोरियम, कन्वेंशन सेन्टर की सुविधा तथा विश्व स्तरीय स्पोर्टस काम्प्लेक्स, मल्टीपरपज स्पोर्टस कोर्ट के साथ ही 750 चार पहिया वाहनों की मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसका प्रयोग जनमानस द्वारा किया जाएगा।

जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) गोमतीनगर में 860 करोड़ की लागत से बना है। 2013 में दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर गोमतीनगर में जेपीएनआईसी का निर्माण शुरू हुआ था। इसका जिम्मा रियल एस्टेट कंपनी शालीमार को मिला था। साल 2017 तक इसके निर्माण पर 860 करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही जाती रही है। अखिलेश सरकार में बने जेपीएनआईसी की खासियत की बात करे तो इसका परिसर 18.6 एकड़ का है।

कन्वेंशन हॉल, 107 कमरों का लग्जरी होटल, जिम, स्पा, सैलून, रेस्तरां, 2,000 सीटों का कन्वेंशन हॉल, ओलिंपिक साइज स्विमिंग पूल, 591 गाड़ियों के लिए सात मंजिला पार्किंग और जयप्रकाश नारायण का म्यूजियम भी बनाया गया है। 17वीं मंजिल पर हेलीपैड का भी निर्माण कराया गया है। जानकारों की माने तो साल 2017 तक जेपीएनआईसी का करीब 80 फीसदी काम पूरा हो गया था। लेकिन साल 2017 में प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने पर इसका निर्माण रुक गया था। निर्माण में गड़बड़ी मिलने पर शासन ने जांच शुरू करवाई थी।

इस जांच के कारण बाकी निर्माण अब तक नहीं पूरा हो सका है। इसके शुरू ना होने पर अखिलेश यादव योगी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। हाल ही में सपा मुखिया ने जेपीएनआइसी को बेचे जाने की आशंका जताई थी। तब अखिलेश ने कहा था कि अगर इसे बेचा जाता है तो इसकी जानकारी सपा को दी जाए। सपा इसे खरीद लेगी।

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