उत्तर प्रदेश भवन निर्माण के 17 साल पुराने कानून में बदलाव

नई उपविधियां जारी, आवासीय भवनों में मिश्रित उपयोग की छूट मिलेगी

लखनऊ : शहरों में भवन निर्माण के लिए नए सिरे से तैयार की गई उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 को लागू करने संबंधी शासनादेश शुक्रवार को जारी कर दिया गया। आवास एवं शहरी नियोजन के प्रमुख सचिव पी गुरूप्रसाद ने

उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के आवास आयुक्त और सभी विकास प्राधिकरणों से संबंधी उपविधियों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही 17 वर्ष पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008, शमन उपविधि-2009 और उससे संबंधी 20 शासनादेश का अस्तित्व समाप्त हो गया है।

शासनादेश जारी होने के बाद भी नई उपविधियों के प्रभावी होने में कुछ समय लग सकता है क्योंकि भवन निर्माण के मानचित्र स्वीकृत करने संबंधी साफ्टवेयर में अभी बदलाव होना है।

भवन बनाने वालों को पहले से कहीं ज्यादा निर्माण और चौड़ी सड़क किनारे स्थित आवासीय भवनों के मिश्रित उपयोग की अनुमति सहित तमाम सहूलियतें देने वाली बहुप्रतीक्षित भवन उपविधि को कैबिनेट से गुरुवार को हरी झंडी मिलने के बाद शुक्रवार को आवास विभाग ने संबंधित शासनादेश भी जारी कर दिया।

1000 वर्गफीट तक घर बनाने वालों को राहतः उत्तर प्रदेश में अब 1000 वर्गफीट तक प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं है. जबकि 5000 वर्गफीट तक आर्किटेक्ट का सर्टीफिकेट ही काफी होगा. बिल्डिंग बायलॉज के तहत अब मकान में 25% हिस्से में नर्सरी, क्रैंच या होम स्टे चलाना चाहते हैं या आर्किटेक्ट, चार्टड अकाउंटेंट, डॉक्टर और वकील समेत प्रोफेशनल्स अपना काम करना चाहते हैं, तो इसके लिए मानचित्र में अलग से जिक्र करने की जरूरत नहीं है. इसे मान्य कर दिया गया है.

समय पर देनी होगी NOC : इसके अलावा मानचित्र पास करने के लिए हर विभाग को एनओसी देने की समय सीमा तय कर दी गई. अलग-अलग विभागों के लिए 7 से 15 दिन की समय सीमा तय कर दी है. इसके बाद संबंधित विभाग का स्वत: एनओसी मान लिया जाएगा.

छोटे प्लॉट पर बन सकेंगे अपार्टमेंट : अब तक अपार्टमेंट बनाने के लिए 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल के प्लॉट की जरूरत होती थी, लेकिन अब महज 1000 वर्गमीटर के प्लॉट पर भी इसकी मंजूरी मिल जाएगी. इसके साथ ही हॉस्पिटल और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए 3000 वर्गमीटर का प्लॉट पर्याप्त होगा. यूपी में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को मंजूरी दी गई.

जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे : 24 मीटर चौड़ी सड़क पर आवास में खुल सकेंगी दुकान और दफ्तर. वहीं फ्लोर एरिया रेशियो 3 गुना तक बढ़ाया गया है. 45 मीटर चौड़ी सड़क पर जितनी ऊंची चाहें उतनी ऊंची इमारत बना सकेंगे.

पहले क्या थी व्यवस्था: पहले प्राधिकरण और आवास विकास क्षेत्र में प्रत्येक भूखंड पर भवन बनाने के लिए नक्शा पास करना जरूरी होता था. अब सौ स्क्वायर मीटर तक तो नक्शा पास नहीं करना होगा. जबकि 500 स्क्वायर मीटर में अब नक्शा पास करने की आवश्यकता नहीं होगी, केवल आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर अनुमोदित करना होगा.

अब रिहायशी इलाकों में हो सकेगी कॉमर्शियल एक्टीविटी: जहां तक मकान में दुकान और कॉमर्शियल एक्टिविटी की बात है तो विकास प्राधिकरण क्षेत्र के रेजिडेंशियल लैंडयूज में किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण मान्य नहीं था. अब 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर कॉमर्शियल निर्माण रिहायशी में भी किया जा सकेगा. इसके अलावा इससे कम चौड़ी सड़क पर जो भी प्रोफेशनल लोग हैं, जैसे वकील, डॉक्टर, आर्किटेक्ट वे अपने कार्यालय और क्लीनिक खोल सकेंगे.

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