पहली बार भारतीय सेना को मिलने जा रहे बेहद खतरनाक अपाचे हेलिकॉप्टर
छह यूनिट की शुरुआती खेप का हिस्सा, 22 जुलाई तक जोधपुर पहुंच जाएंगे

नई दिल्ली : अगले दो दिनों में तीन अपाचे हेलिकॉप्टर भारतीय सेना में शामिल किए जाएंगे। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये इकाइयां संभवतः 22 जुलाई को शामिल कर ली जाएंगी। तीनों हेलिकॉप्टर 21 जुलाई तक जोधपुर पहुंच जाएंगे। प्रक्रिया के मुताबिक डिलीवरी और इंडक्शन से पहले एक संयुक्त प्राप्ति निरीक्षण (JRI) किया जाएगा।
ये अपाचे हेलिकॉप्टरों भारत को मिलने वाली 6 यूनिट की शुरुआती खेप है, जिसमें 3 यूनिट अभी भारत को मिल रही हैं। बता दें कि जोधपुर में पहले ही एक स्क्वाड्रन स्थापित किया जा चुका है, जहां इन हेलिकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
बोइंग कंपनी ने किया है इसका निर्माण
दरअसल, एएच-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक हैं, जिसे शत्रुतापूर्ण जंग क्षेत्रों में शक्तिशाली हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है। इनका निर्माण अमेरिकी रक्षा दिग्गज बोइंग ने किया है। अपाचे का इस्तेमाल वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका , ब्रिटेन, इजरायल, मिस्र और अब भारत जैसे देशों की सशस्त्र सेना कर रही है
देश की सेना के आधुनिकीकरण का काम चल रहा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो इस दिशा में जो तेजी देखी जा रही है वैसी तेजी इतिहास में शायद ही कभी देखी गई होगी. हर रोज कोई न कोई बड़ी डील को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस बीच भारतीय सेना एक और बड़ा कारनामा करने जा रही है. उसे आसमान में उड़ने वाली तोप हासिल होने वाली है. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं… आसमान में उड़ने वाली तोप. यह आसमान में उड़ने वाली तोप कुछ और नहीं बल्कि अमेरिका से खरीदे गए अपाचे AH-64E हैं. इनकी डिलिवरी शुरू हो गई है. इसी 22 जुलाई को इनकी पहली खेप जोधपुर पहुंचने वाली है.
क्या है ये फ्लाइंग तोप
ये ‘फ्लाइंग तोप’ न केवल सेना की हवाई ताकत को बढ़ाएंगी, बल्कि पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ सटीक और भयानक हमलों की गारंटी देंगी. इन हेलिकॉप्टरों की खरीद 2020 में अमेरिका के साथ 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत हुई थी. ये छह में से पहली तीन इकाइयां हैं, जिनका इंतजार सेना को 15 महीने से अधिक समय से था.
जोधपुर में पहले से स्थापित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन इन हेलिकॉप्टरों का संचालन करेगा, जो पश्चिमी सीमा की रक्षा के लिए तैनात होंगे. अपाचे हेलिकॉप्टरों को आकाश से गोलों की बारिश करने वाला हेलीकॉप्टर कहा जाता है. ये दुश्मन के टैंकों, बंकरों और सैन्य ठिकानों पर सटीक प्रहार करने में सक्षम हैं. इनमें फायर एंड फॉर्गेट, हेलफायर मिसाइलें, 30 मिमी की चेन गन और हाइड्रा-70 रॉकेट सिस्टम लगे हैं, जो जटिल युद्ध क्षेत्रों में भी प्रभावी साबित होते हैं.