पी चिदंबरम के बयान पर अमित शाह का पलटवार

कांग्रेस न तो सत्ता में आएगी और न ही निर्णय लेगी'

नई दिल्ली: अमित शाह ने कहा कि 1960 के दशक से कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति को चुनाव जीतने का हथियार बनाया। साल 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी ने विकासात्मक एजेंडे को जनमानस में स्थापित किया और उसी के आधार पर देश में चुनाव शुरू हुए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने सीएए को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस न तो सत्ता में आने वाली है और न ही निर्णय लेने वाली है।

अमित शाह ने कहा, ‘1960 के दशक से कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति को चुनाव जीतने का हथियार बनाया। साल 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी ने विकासात्मक एजेंडे को जनमानस में स्थापित किया और उसी के आधार पर देश में चुनाव शुरू हुए। कांग्रेस को इसका सामना करना पड़ रहा है। विकास के आधार पर चुनाव लड़ने में कांग्रेस को बहुत कठिनाई हो रही है और इसलिए वे लगातार चुनाव हार रहे हैं।’

हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे
उन्होंने आगे कहा, ‘वे एक बार फिर तुष्टीकरण की राजनीति के आधार पर आगे बढ़ना चाहते हैं, क्यों? क्योंकि उन्हें अपना अल्पसंख्यक वोट बैंक मजबूत करना है। भाजपा अपने सिद्धांतों पर अटल है। हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे, लेकिन हम तुष्टीकरण भी नहीं करेंगे।’

सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा
सीएए को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर शाह ने कहा, ‘कांग्रेस को सीएए से क्या आपत्ति है? सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा, वे (कांग्रेस) लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वे तुष्टीकरण की राजनीति करके चुनाव जीतना चाहते हैं। जनता कांग्रेस पार्टी को अच्छे से समझ चुकी है। जहां तक तीन कानूनों (आपराधिक कानून) का सवाल है, तो चिदंबरम खुद समिति का हिस्सा थे। उन्होंने कई बार इसपर सकारात्मक सुझाव दिए और उनकी सराहना भी की।’

कांग्रेस भ्रष्टाचार के मामलों का परिणाम नहीं चाहती
उन्होंने आगे कहा, ‘तीन कानून देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को दुनिया में सबसे आधुनिक बनाएंगे। कांग्रेस भ्रष्टाचार के मामलों का परिणाम नहीं चाहती। वह चाहती है कि न्याय लंबित रहे, लेकिन भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियां स्पष्ट हैं। हर नागरिक को कम से कम समय में न्याय पाने का संवैधानिक अधिकार है। हम ऐसा करने के लिए समर्पित हैं। कांग्रेस न तो सत्ता में आने वाली है और न ही निर्णय लेने वाली है। मैं देश के लोगों को आश्वासन देता हूं, सीएए रहेगा और तीन (आपराधिक) कानून भी लागू होंगे।’

मौजूदा सीआरपीसी को क्यों बदला जाना चाहिए: चिदंबरम
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा, ‘नए विधेयक का 90-95 फीसदी मौजूदा सीआरपीसी के प्रावधानों की कॉपी और पेस्ट है, लेकिन धाराओं को फिर से व्यवस्थित किया गया है, जिससे काफी भ्रम पैदा हो गया है। कृपया समिति की रिपोर्ट के साथ संलग्न मेरे असहमति नोट को पढ़ें। यह बताता है कि मैंने किन प्रावधानों से असहमति जताई थी। मौजूदा सीआरपीसी को क्यों बदला जाना चाहिए? यदि कुछ संशोधन आवश्यक और वांछनीय हैं, तो उन्हें मौजूदा दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन करके शामिल किया जा सकता था। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने ऐसा ही रुख अपनाया है।’

इससे पहले चिदंबरम ने कहा था यह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को वादा किया था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के केंद्र में सत्तारूढ़ होने पर संसद के पहले सत्र में ही विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को निरस्त कर दिया जाएगा। चिदंबरम ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी का इरादा सीएए को रद्द करने का है, भले ही उसके घोषणा पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया हो।

मीडिया से बातचीत में चिदंबरम ने दावा किया था कि घोषणापत्र में सीएए का उल्लेख इसलिए नहीं किया गया था क्योंकि ‘यह बहुत लंबा हो गया था।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि भाजपा के 10 साल के शासन ने देश को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है क्योंकि इसने संसद में ‘प्रचंड बहुमत’ का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा था, ‘कानूनों की एक लंबी सूची है, जिनमें से पांच कानून पूरी तरह से रद्द कर दिए जाएंगे। ये मेरा वादा है, मैं घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष हूं। मैंने इसका एक-एक शब्द लिखा है, मुझे पता है कि इरादा क्या था। सीएए संशोधित नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे रद्द कर दिया जाएगा। हमने इसे स्पष्ट कर दिया है।’

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