यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले पहले सीएम बने धामी

कपाटोद्घाटन- गंगोत्री में मां गंगा और यमुनोत्री धाम में मां यमुना मंदिर के कपाट खुल

बड़कोट/उत्तरकाशी: (उत्तराखण्ड) : उत्तराखंड राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले मुख्यमंत्री हैं जो यमुनोत्री धाम पहुंचे हैं। इससे पूर्व अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह यमुनोत्री धाम आए थे। मुख्यमंत्री के पहली बार धाम पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने कहा कि अब उनके आने से स्थितियों में सुधार आएगा।

यमुनोत्री धाम की विषम भौगोलिक परिस्थिति और कई बार सुरक्षा कारणों की वजह से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री धाम नहीं पहुंच पाए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी पहले मुख्यमंत्री हैं जो मां यमुना मंदिर के कपाट खुलने के समय पर धाम पहुंचे हैं। सीएम के पहली बार धाम में पहुंचने पर तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने खुशी व्यक्त की।

चहुंमुखी विकास की उम्मीद
सीएम का हेलिकॉप्टर यमुनोत्री में गरूड़गंगा के समीप बने हेलिपैड पर उतरा। उसके बाद वे वहां से 500 मीटर पैदल मंदिर तक पहुंचे। पूर्व विधायक केदार सिंह रावत का कहना है कि सीएम धाम की स्थितियों को स्वयं देख के गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि यमुनोत्री धाम की सुरक्षा के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाएगा। इससे धाम का चहुंमुखी विकास की उम्मीद है।

मां गंगा की भोग मूर्ति विग्रह डोली में बीते मंगलवार दोपहर को गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई थी। रात्रि विश्राम भैरो घाटी में करने के बाद मां गंगा की डोली बुधवार सुबह अक्षय तृतीया पर गंगोत्री धाम पहुंची। उसके बाद विधिविधान से पंचांग के अनुसार पूर्व निर्धारित समय शुभ बेला में सुबह 10.30 बजे श्रद्धालुओं के लिए मां गंगा के मंदिर के कपाट खोल दिए गए। अब छह माह तक मां गंगा के दर्शन गंगोत्री धाम में ही होंगे।

वहीं इस मौके पर पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गंगाेत्री धाम में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम की पहली पूजा की। वहीं दूसरी ओर खरसाली से मां यमुना की डोली सुबह 8.30 बजे यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। धाम में मां यमुना के मंदिर के कपाट पूर्वाह्न 11.55 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। दोनों धाम मां गंगा और यमुना के जयकारों से गूंज उठे।

पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने बताया कि इससे पहले अविभाजित उत्तर प्रदेश 1987 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह तब हनुमान चट्टी से यमुनोत्री धाम विषम परिस्थितियों में 13 किमी पैदल मार्ग से पहुंचे थे। वह उस समय चकबंदी के प्रेरणास्रोत और भाजपा के जनपद में संस्थापक सदस्य स्व. राजेंद्र रावत ने पांच माह से चल रहे आठ सूत्री मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन को समाप्त करवाने पहुंचे थे।

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