नौसेना प्रमुख को रिटायरमेंट के मौके वॉरशिप, 7 सबमरीन पर फेयरवेल
वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी होंगे नए चीफ!

मुम्बईः नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार अपनी 35 साल से ज्यादा लंबी सर्विस के बाद इस महीने के अंत में रिटायर होने जा रहे हैं. इस मौके पर उन्हें नेवी की पश्चिम कमान ने शानदार विदाई दी है, जिसमें कई युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हुईं.
नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार 30 अप्रैल को सेवा से रिटायर हो जाएंगे. इससे पहले नौसेना के विभिन्न अंग उनके लिए जगह-जगह फेयरवेल प्रोग्राम कर रहे हैं. नेवी की पश्चिम कमान की ओर से आज यानी शुक्रवार को समुद्र में नौसेना प्रमुख को शानदार विदाई दी गई. इस फेयरवेल में नेवी के 15 युद्धपोत और 7 पनडुब्बियों ने भाग लिया. इसके साथ ही उन्हें पश्चिम कमान की ओर से भव्य गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. नौसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में सभी अधिकारियों और नौसैनिकों को सजग रहने और समुद्र में दुश्मन की गतिविधियों को नाकाम करने की अपील की.
वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी होंगे नए चीफ!
इस साल नेवी समेत तीनों सेनाओं को नए प्रमुख मिलने वाले हैं. एडमिरल आर. हरि कुमार के रिटायरमेंट के बाद नौसेना में सबसे वरिष्ठ कमांडर वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी होंगे. माना जा रहा है कि देश के अगले नौसेना प्रमुख वही बनाए जाएंगे. फिलहाल दिनेश त्रिपाठी नेवी में उप-प्रमुख बनाए गए हैं, जिससे उनके नेवी चीफ बनने के कयास तेज हो गए हैं.
केरल के रहने वाले हैं एडमिरल आर हरि कुमार
एडमिरल आर हरि कुमार केरल के रहने वाले हैं. वे देश के 25वें नेवी चीफ हैं. उनका जन्म तिरुवनंतपुरम में हुआ था. उनकी पढ़ाई-लिखाई केलर के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों से हुई. इसके बाद 1979 में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा पास की और खड़कवासला अकादमी में दाखिला लिया. उनके पास जेएनयू से ग्रेजुएशन और किंग्स कॉलेज लंदन से मास्टर डिग्री है.
कई युद्धपोतों को कर चुके हैं कमांड
आर हरि कुमार का करियर जनवरी 1983 को नेवी में कमीशन मिलने के साथ शुरू हुआ था. वे अब तक कई युद्धपोतों पर तैनात रह चुके हैं. वे तटरक्षक बल के जहाज सी-01 समेत नेवी की मिसाइल बोट आईएनएस निशंक, राजपूत श्रेणी के विध्वंसक आईएनएस रणवीर और कोरा श्रेणी के मिसाइल कार्वेट आईएनएस कोरा के कमांडिंग अफसर रह चुके हैं.
सोमालियाई डाकुओं पर कस दी नकेल
नेवी चीफ बनने से पहले वे नौसेना की पश्चिम कमान के कमांडिग अफसर थे. वे नेवल वॉर कॉलेज, गोवा के कमांडेंट भी रह चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने सेशेल्स सरकार के नौसैनिक सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है. हिंद महासागार में जब समुद्री डाकुओं का उत्पात शुरू हुआ तो उन्हीं के नेतृत्व में भारतीय नौसेना ने रणनीतिक महत्व के 10 ठिकानों पर युद्धपोतों की तैनाती कर सोमालियाई डाकुओं की नकेल कस दी है.