फ्रॉड करने वालों के खिलाफ सरकार करने जा रही बड़ा काम, पहचाने फ्रॉड कॉल!

असली बैंकिंग कॉल, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) कंपनियों से केवल 1600 से शुरू होने वाले किसी नंबर से आ सकती है

नई दिल्ली : पिछले काफी समय से देखने को मिल रहे तरह-तरह के ऑनलाइन फ्रॉड्स पर TRAI की ओर से कड़ा प्रहार किया गया है। अब फ्रॉड करने वाले 10 बार सोचेंगे। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने जानकारी दी है कि टेलिकॉम कंपनियां ‘1600’ नंबर सीरीज का इस्तेमाल करने जा रही हैं।

अब अगर आपको भी 1600 से शुरू होने वाले किसी नंबर से कॉल आए, तो समझ जाएं कि यह कॉल असली बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) कंपनियों से आ रही है। ET Telecom से बातचीत में अनिल कुमाल लाहोटी ने बताया कि यह सीरीज खासतौर पर बैंकिंग, वित्तीय और बीमा सेक्टर के ट्रांजैक्शन और सर्विस कॉल्स के लिए लाई गई है।

इस पहल से फ्रॉड करने वालों के लिए खुद को बैंक या इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताना संभव नहीं रहेगा। इसके बाद लोगों के लिए यह समझना आसान हो जाएगा कि कौन सी कॉल जरूरी है और कौन सी इग्नोर की जा सकती है।

जानकारों का मानना है कि इस नंबर सीरीज का इस्तेमाल शुरू हो जाने के बाद धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी। इसके बाद पहले तो कोई भी आम नागरिक ऐसे किसी नंबर के कॉल को उठाएगा ही नहीं जो कि 1600 से शुरू नहीं होता है। इसके अलावा अगर कॉल उठा भी लिया जाता है, तो फ्रॉड करने वाला खुद को बैंक या बीमा कंपनी का कर्मचारी नहीं बता पाएगा और धोखाधड़ी को अंजाम नहीं दे पाएगा। बता दें कि यह कदम को उठाने से पहले TRAI ने टेलिकॉम सेवा देने वाली कंपनियों और अन्य पक्षों के साथ कई बैठकें की थीं।

TRAI के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी के अनुसार टेलिकॉम कंपनियों को 1600 नंबर की सीरीज दे दी गई है। इसका इस्तेमाल करने के लिए बैंकिंग, वित्तीय और बीमा कंपनियां इसे प्राप्त कर रही हैं। ट्राई की ओर से इस क्षेत्र को रेग्युलेट करने वाली संस्थाओं से भी कहा है कि वे अपनी देखरेख में आने वाली कंपनियों को इस सिस्टम को जल्द से जल्द अपनाने की सलाह दें।

बता दें कि कुछ BFSI कंपनियां ऐसी भी हैं जिन्होंने इस सीरीज का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इनमें SBI कार्ड का नाम सबसे पहले शामिल हुआ, जिन्होंने इस सीरीज को इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है। इस सीरीज की मदद से लोगों भरोसेमंद और सुरक्षित कॉल्स की पहचान आसानी से कर पाएंगे।

इस तरह हुआ काम
2022 में ट्राई की ओर एक जॉइंट कमेटी ऑफ रेगुलेटर्स का गठन किया गया था। इसमें RBI, SEBI, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), गृह मंत्रालय (MHA) और दूरसंचार विभाग (DoT) के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था। इस कमेटी की ओर से फैसला लिया गया था कि बैंकिंग, वित्तीय और बीमा (BFSI) सेक्टर के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे टेलीकॉम संसाधनों का इस्तेमाल करके की जाने वाली फ्रॉड कॉल्स पर लगाम लगाई जा सके।

बता दें कि यह फैसला टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन, 2018 के तहत लिया गया है। अब जैसे-जैसे इस सीरीज का इस्तेमाल बढ़ता जाएगा, सभी के लिए बैंकिंग और बीमा क्षेत्र की जरूरी कॉल्स को पहचानना आसान हो जाएगा।

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