सेना के खिलाफ लोगों में बढ़ता गुस्सा, जन समर्थन इमरान के साथ, मुनीर से इस्तीफे की मांग
पाकिस्तान में हालात बेहद तनावपूर्ण

इस्लामाबाद: भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है। इसी बीच देश में एक नई बहस तेज हो गई है- इमरान खान को रिहा किया जाए और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को पद से हटाया जाए। सोशल मीडिया पर इस मांग को लेकर जबरदस्त अभियान चलाया जा रहा है।
पाकिस्तान की सेना और सरकार इस बात का अंदाजा लगाने में लगी हुई है कि भारत पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को किस तरह से सजा देगा, इसी बीच उन्हें एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इमरान खान की रिहाई की मांग की चुनौती, हाल के दिनों में शहबाज शरीफ सरकार पर पर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहा करने का दबाव बढ़ रहा है।
सेना प्रमुख मुनीर पर गंभीर आरोप, इस्तीफे की उठी मांग
इमरान खान के समर्थकों का आरोप है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने रची थी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और 17 अन्य घायल हुए थे। इस घटना के बाद से #ResignAsimMunir और #BoycottFaujiDhanda जैसे हैशटैग के जरिए पाकिस्तानी सेना की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सेना के खिलाफ बढ़ता गुस्सा, जन समर्थन इमरान के साथ
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने देशभर में प्रदर्शन किया था। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में ISI भवन पर भी हमले हुए थे। अब वही समर्थक फिर से सक्रिय हो गए हैं और कह रहे हैं कि यदि भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो इमरान खान को तत्काल रिहा कर लिया जाना चाहिए। एक यूजर @indoraptorPti ने लिखा, “अगर भारत हमला करता है, तो खान को उनके घर भेज दो।”
इमरान की गिरफ्तारी और सत्ता से बेदखली की कहानी
पूर्व क्रिकेटर और प्रधानमंत्री इमरान खान को अप्रैल 2022 में सत्ता से हटाया गया था। उन्होंने पाकिस्तानी सेना की दखलअंदाजी का खुलकर विरोध किया था। इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेज दिया गया। तब से लेकर आज तक उनकी रिहाई की मांग थमी नहीं है। उनके समर्थक मानते हैं कि इमरान ही पाकिस्तान को मौजूदा संकट से बाहर निकाल सकते हैं।
संसद से लेकर सड़क तक गूंज रही है रिहाई की मांग
पिछले सोमवार को सीनेट में PTI के वरिष्ठ नेता शिबली फराज ने इमरान की रिहाई की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि देश जब कोई बड़ा फैसला लेगा, तो उसमें इमरान खान की राय को भी शामिल किया जाना चाहिए। 25 अप्रैल को PTI के 29वें स्थापना दिवस पर ऑनलाइन अभियान तेज हो गया। समर्थकों ने इमरान की “अवैध” हिरासत को खत्म करने की मांग की