20,912.56 करोड़ के निवेश पर दिया जाएगा औद्योगिक प्रोत्साहन : मुख्यमंत्री योगी
उन्नाव में निवेश कर बीयर उत्पादन की इकाई स्थापित होगी

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत पांच कंपनियों को 20912.56 करोड़ रुपये के निवेश पर प्रोत्साहन देने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
प्रस्ताव के अनुसार ग्रेटर नोएडा में 11,000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित भूमि पर 252.91 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सेल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड को अल्ट्रा मेगा श्रेणी में गौतम बुद्ध नगर में 8,000 करोड़ रुपये के निवेश पर केस टू केस आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन व लेटर आफ कंफर्ट जारी किया जाएगा।
लोक भवन में सम्पन्न बैठक में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग से 10 प्रतिशत कंबलों व वस्त्रों की सीधी खरीद के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। इससे हथकरघा इकाइयों में बनने वाले वस्त्रों को शासकीय स्तर पर जेम पोर्टल की बजाय सीधे खरीदा जा सकेगा, जबकि जेम पोर्टल पर पंजीकृत कंपनियों से बाकी 90 प्रतिशत खरीद की जाएगी।
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि प्रदेश में बुनकरों व हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के स्तर पर सभी प्रकार की खरीद को जेम पोर्टल के माध्ययम से किए जाने का प्रविधान किया गया था। इससे बुनकरों व हथकरघा उद्योग में तैयार होने वाले कंबलों व वस्त्रों की सीधी खरीद सरकार नहीं कर पाती थी।
कंपनी पांच गीगावाट का सौर सेल व माड्यूल विनिर्माण संयंत्र की स्थापना कर रही है। वहीं उन्नाव में यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड को 736 करोड़ रुपये का निवेश कर बीयर उत्पादन की इकाई स्थापित करने के लिए लेटर आफ कंफर्ट जारी किया जाएगा।
राज्य सरकार की समेकित वित्तीय प्रबंध प्रणाली (आइएफएमएस) के उन्नयन (अपग्रेड) का काम इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की वैज्ञानिक संस्था सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) करेगी। उन्नयन कार्य के बाद से सभी विभाग अपने बजट प्रस्ताव को आनलाइन तैयार कर वित्त विभाग को भेज सकेंगे।
प्रदेश सरकार इसके लिए केंद्र सरकार की संस्था सी-डैक को अनुबंधित करेगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इस फैसले से प्रशासकीय विभाग भी अपने बजट प्रस्ताव को आनलाइन वित्त विभाग के पास भेज सकेंगे, अभी विभाग मैनुअली अपना प्रस्ताव वित्त विभाग को देते हैं। इस व्यवस्था के हो जाने पर बजट प्रस्ताव तैयार करने में कम समय लगेगा।
वित्त विभाग का एक नया डैशबोर्ड तैयार किया जाएगा जिसमें महत्वपूर्ण वित्तीय सूचनाएं प्रबंधकीय सूचना प्रणाली (एमआइएस) के रूप में उपलब्ध रहेंगी, इससे निर्णय लेने में सुविधा हो जाएगी। वेंडर मैनेजमेंट सिस्टम में विभिन्न कार्य व सेवा प्रदान करने वाले वेंडर्स का पंजीकरण कर उनका डेटाबेस बनाया जाएगा जिसका उपयोग राज्य सरकार के सभी विभाग कर सकेंगे। इसके माध्यम से वेंडर्स अपने दावों की स्थिति आनलाइन देख व जान सकेंगे।