लोकसभा चुनाव 24ः बसपा ने बरेली में पूर्व विधायक को बनाया लोकसभा उम्मीदवार

बरेली: लोकसभा का चुनाव अब दिलचस्प होने वाला है. बरेली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुर्मी कार्ड खेलते हुए पूर्व विधायक मास्टर छोटेलाल को मैदान में उतारा है. जो भाजपा की मुसीबतें बढ़ा सकते हैं. भाजपा ने 8 बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट काटकर पूर्व मंत्री छत्रपाल गंगवार को प्रत्यासी बनाया है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने को टिकट दिया है.

कांग्रेस छोड़ बसपा में हुए थे शामिल
गौरतलब है की मास्टर छोटेलाल गंगवार पहली बार 1996 में समाजवादी पार्टी से नवाबगंज के विधायक बने थे. 1999 में सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा. 5 साल पहले छोटेलाल गंगवार कांग्रेस में शामिल हुए थे और इसी साल 28 मार्च को छोटेलाल गंगवार हाथी पर सवार हो गए.

वहीं बसपा प्रत्याशी छोटेलाल गंगवार ने भारतीय जनता पार्टी, सपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा की भाजपा ने पूरे देश में नफरत का माहौल पैदा करने का काम किया है. उन्होंने गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा की ये गठबंधन नहीं बल्कि ठगबंधन है. उन्होंने कहा कि कुर्मी भाजपा से बिका हुआ नहीं है.

आज जो देश की स्थिति है किस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने इन 10 वर्षों के अंदर इस देश में नफरत का माहौल पैदा करने का काम किया है. ये नफरत का माहौल कैसे दूर हो इसके लिए हम बरेली लोकसभा से चुनाव लड़ने का काम कर रहे है. हमारी लोकसभा बरेली से पूरी तैयारी है, हम लंबे समय से काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जहां तक बिरादरी का सवाल है तो भाजपा आज भी कुर्मी प्रत्याशी को लड़ा रही है. उसे बरेली में प्रत्याशी नहीं मिला तो पीलीभीत लोकसभा के प्रत्याशी को बरेली से लड़ा रहे हैं. बरेली की जनता बाहर के प्रत्याशी को पसंद नहीं करेगी. इसलिए मैं अपनी जीत के लिए 100 फीसदी आश्वस्त हूं.

छोटेलाल गंगवार ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन के जो प्रत्याशी हैं वह सांसद रह चुके हैं. उनके बारे में बरेली की जनता खूब जानती है. वो जनता के बीच नहीं रहते हैं, वो सिर्फ सपनो में मिलते हैं. जबकि छोटे लाल गंगवार बरेली में मिलते हैं. हमेशा 24 घंटे जनता की सेवा के लिए तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा ये गठबंधन नहीं है बल्कि ठगबंधन है और कांग्रेस ने सरेंडर कर दिया है.

वहीं छोटेलाल गंगवार ने कहा की जो संसदीय राजनीति करता है उसे चुनाव लड़ना होता है. जो पार्टी चुनाव लड़ाएगी हम वहीं जाएंगे, हम कोई अंधभक्त नहीं हैं. भाजपा से हमारे विचार नहीं मिलते हम आज तक भाजपा में नहीं गए क्योंकि भाजपा का एक ही काम है सांप्रदायिक दंगा कराना.

उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य बरेली लोकसभा की सेवा करना है. बरेली में समरसता पैदा करना है, समतापूरक समाज की स्थापना करना है. उन्होंने कहा कि जो हमारे उद्योग गंदे बंद हो गए उनको लगवाना है. यहां के नौजवानों को काम मिले. उन्होंने कहा कि आरएसएस की फुल फॉर्म है रॉयल सीक्रेट सर्विस यह अंग्रेजो के दलाल है. दलालों की सरकार बन गई है.

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