निर्जला एकादशी व्रत- 5 या 6 जून, कब रखा जाएगा व्रत?
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 6 जून 2025 को रात 2 बजकर 15 मिनट पर आरंभ

लखनऊ: 1 साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर पड़ता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे समस्त पापों सभी भी छुटकारा मिलता है। हालांकि इन सभी में निर्जला एकादशी को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह साल की सबसे बड़ी एकादशी है। पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत में पानी के साथ-साथ अन्न फल ग्रहण करने की भी मनाही होती हैं।
बता दें, ज्येष्ठ माह भीषण गर्मी और उसमें चलने वाली लू के लिए जाना जाता है। ऐसे में बिना पानी के इस उपवास को रखना बेहद कठिन होता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने के लिए साधक में संयम, श्रद्धा और शारीरिक शक्ति भी होनी चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल यह व्रत कब रखा जाएगा।
कब है निर्जला एकादशी ?
इस साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 6 जून 2025 को रात 2 बजकर 15 मिनट पर आरंभ हो रही है। इसका समापन 7 जून को सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून 2025 के दिन रखा जाएगा। इस दिन हस्त नक्षत्र बन रहा है, जो सुबह 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसपर व्यतीपात योग का संयोग भी बना रहेगा।
निर्जला एकादशी पूजा विधि
> निर्जला एकादशी के दिन सुबह ही ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें।
> आप इस दिन साफ वस्त्रों को धारण करें और यदि संभव हो, तो पीले रंग के कपड़े पहनें।
> अब एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति रखें।
> भगवान को वस्त्र अर्पित करें।
> मंत्रों का जप करें और निर्जला एकादशी व्रत कथा पढ़ें।
> अंत में प्रभु की आरती करें।
> ध्यान रखें कि यह निर्जला एकादशी है, इसलिए पूरे दिन पानी ग्रहण न करें।