गोरखपुर के आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है आयुष विश्विद्यालय

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जा रहे गोरखपुर के महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 जून को कर सकती हैं। विश्वविद्यालय का शिलान्यास पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था जबकि लोकार्पण वर्तमान राष्ट्रपति से कराने की तैयारी है। इसके लिए प्रशासनिक अमला पूरी तरह से सक्रिय हो गया है।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के साथ महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने के बाद कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बताया कि वर्तमान समय में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है. फैसिलिटी सेंटर, कुलपति आवास, अलग-अलग प्रकार के स्टाफ आवास पूर्ण रूपेण तैयार हैं. जबकि एकेडमिक और हॉस्पिटल ब्लॉक में सिर्फ कतिपय फिनिशिंग और बालक-बालिका छात्रावास में फाइनल कोट पेंटिंग से जुड़े कार्य शेष हैं. इन्हें भी अधिकतम अगले दस दिन में पूरा करने की हिदायत कार्यदायी संस्था को दी गई है.
आयुष विधा के एकीकृत नियमन का माध्यम बना आयुष विश्वविद्यालय
प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है, के नियमन के लिए अलग-अलग संस्थाएं कार्यरत रहीं. राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन अब इसी विश्वविद्यालय से ही होता है. वर्तमान सत्र में प्रदेश के करीब सौ आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) के कॉलेज/संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं.
आयुष ओपीडी में अब तक एक लाख से अधिक मरीज ले चुके हैं परामर्श लाभ
आयुष विश्वविद्यालय में आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. तब से प्रतिदिन यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं. ओपीडी शुभारंभ के बाद अब तक करीब एक लाख से अधिक लोग आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं. जल्द ही यहां आयुष अस्पताल शुरू होने से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति आदि से उपचार की बेहतरीन सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी.
हेल्थ टूरिज्म और औषधीय खेती को मिलेगा बढ़ावा, सृजित होंगे रोजगार के अवसर
आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी सृजित होंगी. इस पर गंभीरता से काम किया गया तो प्रदेश के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है. आयुष विश्वविद्यालय के पूर्णतः क्रियाशील होने से किसानों की खुशहाली और नौजवानों के लिए नौकरी-रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा. लोग आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे. किसानों को औषधीय खेती से ज्यादा फायदा मिलेगा. आयुष विश्वविद्यालय व्यापक पैमाने पर रोजगार और सकारात्मक परिवर्तन का कारक बन सकता है.