राजस्थान कोटड़ी भट्टी कांड: 2 बलात्कारियों को फांसी की सजा, रेप कर नाबालिग को जलाया था जिंदा

भीलवाड़ा(राजस्थान): नाबालिग लड़की को किडनैप करके उससे 3 बार बलात्कार किया। फिर उसे भट्टी में मुंह के बल डालकर जिंदा जला दिया। लाश पूरी तरह नहीं जली तो टुकड़े करके बोरी में भरकर नहर में फेंक दिया। नहर में एक जगह से खून निकलता देखकर पुलिस ने जांच कराई तो लाश के टुकड़ों से भरी बोरी मिली, जिसके अंदर लाश के टुकड़े मिले। इसके बाद खौफनाक वारदात का खुलासा हुआ।

परिजनों के शक जताने पर पुलिस ने आरोपी 2 सगे भाई दबोचे तो पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूला। बलात्कार करके नाबालिग लड़की को बेरहमी से मौत के घाट उतारने और अपने वहशीपन की कहानी सुनाई। 2 दिन पहले दोनों को कोर्ट ने दोषी करार दिया। आज उन दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई है। आइए जानते हैं कि राजस्थान के भीलवाड़ा में हुए अगस्त 2023 में हुआ भट्ठी कांड क्या था और कैसे अंजाम दिया गया था?

राजस्थान के भीलवाड़ा में हुए कोटड़ी भट्टी कांड में आज बड़ा फैसला आया है। 10 महीने बाद हैवानियत का शिकार हुई नाबालिग को इंसाफ मिला। जैसे ही जज अनिल गुप्ता ने कालू और कान्हा कालबेलिया को फांसी की सजा सुनाई, पीड़िता के परिजन फूट-फूट कर रोने लगे। 2 अगस्त 2023 को कोटड़ी के शाहपुरा इलाके में वारदात अंजाम दी गई थी। केस की सुनवाई के दौरान 43 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे और पुलिस ने गहन जांच पड़ताल के बाद 473 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी। कोटड़ी के पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुंदर विश्नोई ने केस की जांच की और चार्जशीट दायर की।

क्या हुआ था 2 अगस्त 2023 को?
केस की चार्जशीट के अनुसार, कालबेलिया जाति के 2 भाई कालू और कान्हा लकड़ियां काटने निकले। उन्होंने एक लड़की बकरियां चराती दिखी तो उनकी नियत खराब हो गई। कालू ने लड़की को पकड़ लिया और उसके साथ रेप किया। कान्हा ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की ने भागने की कोशिश की तो उसके सिर में लट्ठ मार दिया।

सिर में चोट लगने से वह बेहोश हो गई। दोनों भाइयों ने बेहोशी की हालत में फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब कालू और कान्हा घर नहीं पहुंचे तो परिजन उन्हें तलाशते हुए खेत में पहुंचे। परिजनों को देखकर वे डर गए और लड़की को छोड़कर उनके पास गए। उन्होंने बहाना बनाकर परिजनों को घर भेज दिया। थोड़ी देर में घर आने की बात कहकर खेत से निकल गए।

भट्ठी के पास लड़की का सामान मिला
चार्जशीट के अनुसार, कालू-कान्हा फिर लड़की के पास पहुंचे और तीसरी बार उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर दोनों ने उसे खेत में बने बिटोड़े में आग लगाकर उसमें मुंह के बल जिंदा डाल दिया। लड़की के मरने तक वे वहीं बैठे रहे, लेकिन लाश पूरी तरह नहीं जली तो उसे निकालकर फावड़े से टुकड़ों में काटा और बोरे में भरकर नहर में डालकर अपने घर चले गए।

लड़की के परिजन उसे तलाशते हुए खेत पहुंचे तो जले हुए बिटोड़े के पास उन्हें बेटी के कपड़े, चप्पल और कड़े दिखे। साथ ही उन्हें बिटोड़े से मांस की दुर्गंध आई। अनहोनी की आशंका से उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच करते हुए नदी तक पहुंची तो उसके अंदर खून से सनी बोरी मिली, जिसमें लड़की की लाश थी।

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