पहलगाम: 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म, मामले को लेकर लोगों में आक्रोश
अदालत से आरोपी की जमानत याचिका खारिज, कहा-‘ये घटना बीमार मानसिकता का प्रतिबिंब’

श्रीनगर : पहलगाम में महाराष्ट्र की एक महिला पर्यटक से दुष्कर्म के मामले ने एक बार फिर घाटी को चकित कर दिया है। मामले की हर तरफ निंदा हो रही है। हर कोई इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले आरोपित को कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है।
जम्मू कश्मीर अदालत ने महाराष्ट्र की 70 वर्षीय एक पर्यटक से बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए समाज के नैतिक ताने-बाने पर तीखी टिप्पणी की और कहा कि यह घटना समाज में व्याप्त “नैतिक पतन और विकृत मानसिकता” का प्रतिबिंब है।
जज ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, “मुझे याचिका में दिए गए किसी भी आधार और आरोपी के वकील द्वारा दी गई दलील में ऐसा कुछ भी नहीं लगता जो इस अदालत के न्यायिक विवेक को प्रभावित करता हो।” बता दें कि कथित घटना दक्षिण कश्मीर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के एक होटल में हुई, जहां महिला अप्रैल में अपने परिवार के साथ रह रही थी।
कई बुद्धजीवियों से बातचीत की, जिन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए अपनी प्रतिक्रिया कुछ इस तरह से व्यक्त की। सभी ने घटना को कश्मीरियत और यहां की मेहमाननवाजी की श्रेष्ठ संस्कृति पर दाग बताया। इस तरह की घटना निंदनीय है। हमारी यह कश्मीर घाटी ऋषियों व मुनियों की घाटी है। यहां ऐसी शर्मनाक वारदात नहीं होनी चाहिए। अब अगर कोई ऐसी हरकत करता है तो उसे ऐसी सजा दी जानी चाहिए ताकि दूसरे लोग इस तरह के काम करने से पहले हजार बार सोचें। मामले की हर स्तर पर जांच होनी चाहिए।
कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े संगठन पनुन कश्मीर ने पहलगाम में बुजुर्ग हिंदू महिला के साथ क्रूर रेप को गहरी हिंदू घृणा की अभिव्यक्ति करार दिया है. पनुन कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. अजय च्रुंगू ने पहलगाम के होटल में 70 वर्षीय हिंदू बुजुर्ग के साथ हुए क्रूर रेप की कड़ी निंदा की है और इसे कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ सदियों पुरानी घृणा की भयावह अभिव्यक्ति बताया है.
जानकारी के अनुसार वहां स्थित चिनार इन होटल में महाराष्ट्र की एक 70 वर्षीय महिला पर्यटक जो कि अपने परिवार के साथ घाटी घूमने आई थी, को उस समय जुबैर अहमद भट नामक एक व्यक्ति ने अपनी वासना का शिकार बनाया था जब वह महिला अपने होटल कमरे में अकेली थी।