ऑपरेशन सिंदूर: ‘रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट’ की रिपोर्ट

भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए सफल हमले, जिससे पाकिस्तान थर्रा गया

(रिपोर्ट) : पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर अब दुनिया की प्रतिष्ठित संस्थाएं भी मुहर लगाने लगी हैं. भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमले किए. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी भारत के बोर्डर इलाके में हमले की कोशिश की गई. लेकिन, इसके जबाव में भारत ने जो हमले किए उससे पाकिस्तान पूरी तरह थर्रा गया. यह ऑपरेशन करीब चार दिन चाल और फिर 10 मई की शाम में दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा कर दी.

दुनिया की एक सबसे प्रतिष्ठित रक्षा थिंक टैंक द रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऑपरेशन के पहले दिन भारत के हमलों के कुछ घंटों बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पाकिस्तान के दावों को उछाला. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने चीन के जे-10 फाइटर जेट्स से भारत के पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया.

इसमें तीन फ्रांसीसी राफेल शामिल थे. भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान न आने से यह मामला जल्द ही चीनी और फ्रांसीसी विमानों की तकनीकी तुलना बन गया. लेकिन असल सवाल गायब हो गए. भारत का मकसद क्या था? क्या वह हासिल हुआ? और यह ऑपरेशन दक्षिण एशिया की रक्षा रणनीति के लिए क्या दर्शाता है?

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी सैन्य अभियान में कहानी को सही ढंग से पेश करना उतना ही जरूरी है जितना युद्ध क्षेत्र में जीत. दुर्भाग्य से भारत यह मौका चूक गया. भारतीय सेना के प्रवक्ताओं की शुरुआती चुप्पी ने सूचना का खालीपन पैदा किया, जिसे गलत और तकनीकी रूप से कमजोर खबरों ने भर दिया. ऑपरेशन की रणनीति, लक्ष्यों या नियंत्रण की बजाय चर्चा हवाई युद्ध और विमानों की तुलना की ओर मुड़ गई. इससे चीनी हथियार निर्माताओं को गलत तरीके से प्रचार का फायदा मिला.

गलत नैरेटिव ने असल कामयाबी को छिपा दिया
भारत ने इस ऑपरेशन के 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किए. पहले दिन भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को सटीक हथियारों से नष्ट किया. अगले दिनों में ऑपरेशन का दायरा बढ़ा और 1971 के युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर हमले किए गए. इसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ. इस तरह भारत ने मुश्किल परिस्थितियों में हमले करने की अपनी ताकत दिखाई.

सबसे खास थी भारत की संयमित रणनीति. पहले दिन भारतीय पायलटों को सख्त नियमों के तहत काम करना था, जिसमें पाकिस्तानी विमानों या हवाई रक्षा सिस्टम पर हमला करने की मनाही थी. यह जोखिम भरा फैसला था जिसका मकसद साफ था. भारत का इरादा पाकिस्तानी सरकार से युद्ध का नहीं, बल्कि आतंकी ढांचे को नष्ट करने का था. इस संयम ने बड़े युद्ध को टालने में मदद की.

ऑपरेशन सिंदूर को हवाई युद्ध या अस्थिरता की ओर बढ़ते कदम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. यह एक सोची-समझी कार्रवाई थी, जिसका मकसद आतंकी ढांचे को नष्ट करना. भारत की मंशा जाहिर करना और अपनी ताकत दिखाना था. इस ऑपरेशन ने भारत की रणनीति को नया रूप दिया.

 

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