यूपी में स्टूडेंट्स को मिल रहे छात्रवृत्ति में बड़े बदलाव की तैयारी!

राज्य में अब छात्रवृत्ति से जुड़े फर्जीवाड़े बंद करने के लिए अहम फैसला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब छात्रवृत्ति योजनाओं को तकनीकी रूप से और मजबूत व पारदर्शी बनाने जा रही है. सरकार का उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद छात्र को समय पर छात्रवृत्ति मिले और कोई भी पात्र छात्र तकनीकी कारणों से वंचित न रहे. इसके लिए अब योजना बनाई गई है कि छात्रवृत्ति आवेदन के लिए पोर्टल सालभर खुला रहेगा, यानी अब छात्रों को तय समयसीमा में फॉर्म भरने की मजबूरी नहीं होगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण किसी छात्र की पढ़ाई रुकनी नहीं चाहिए. अब छात्रवृत्ति भी वार्षिक नहीं, बल्कि सेमेस्टर के हिसाब से दी जाएगी ताकि छात्रों को समय से आर्थिक सहायता मिल सके.

तीन विभाग मिलकर बनाएंगे एक समान नीति
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. इसके साथ ही अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से मिलकर एक साझा नीति तैयार की जा रही है. इन तीनों विभागों का एक संयुक्त पोर्टल तैयार होगा, जिससे छात्रों को किसी विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. यह पोर्टल सालभर खुला रहेगा और आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए फेस रिकॉग्निशन तकनीक
छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब नई तकनीक लाई जा रही है. छात्रों की उपस्थिति और पहचान को पुख्ता करने के लिए फेस रिकॉग्निशन प्रणाली लागू की जाएगी. इससे ऐसे छात्रों की पहचान की जा सकेगी जो फर्जी तरीके से लाभ उठाने की कोशिश करते हैं. साथ ही, एक मोबाइल ऐप भी लाया जाएगा, जिससे छात्र अपने आवेदन की स्थिति की जानकारी रियल टाइम में ले सकेंगे.

छात्रों को मिलेगा सीधा लाभ
उत्तर प्रदेश में हर साल लाखों छात्र समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति पाते हैं. अब यह योजना और अधिक पारदर्शी और सरल होगी. पहले छात्र सिर्फ कुछ महीनों के भीतर ही फॉर्म भर सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सालभर आवेदन की सुविधा मिलने से दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों के छात्रों को भी लाभ मिलेगा.

योगी सरकार दे रही सामाजिक न्याय को नई दिशा
सीएम योगी की मंशा है कि समाज के हर तबके को बिना भेदभाव के शिक्षा का अधिकार मिले. छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की पढ़ाई को सहारा देती है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” मंत्र को भी मजबूती देती है.

सरकार की कोशिश है कि अब किसी भी योग्य छात्र को छात्रवृत्ति के लिए संघर्ष न करना पड़े. आने वाले समय में नई तकनीक और संयुक्त पोर्टल के जरिए छात्रवृत्ति की प्रक्रिया और अधिक आसान हो जाएगी. सरकार का यह कदम प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक नई दिशा साबित हो सकता है.

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