देश के 22 करोड़ लोगों को हाई बीपी की समस्याए, लेकिन जानकारी का अभाव

रक्ताचाप के प्रति लोगों को जागरुकता करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स ने आज अपने परिसर में एक सार्वजनिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने रक्तचाप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 22 करोड़ वयस्कों को उच्च रक्तचाप (बीपी) की बीमारी है। लोग जागरूकता की कमी के कारण इसके निदान, उपचार और नियंत्रण की स्थिति पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।

हाई बीपी (High BP) एक सीरियस मेडिकल कंडीशन है जो दिल, दिमाग, किडनी से जुड़ी तमाम बीमारियों की वजह बन सकती है. ये दुनियाभर में प्री-मैच्‍योर डेथ का एक बड़ा कारण है. इस बीमारी को लेकर जागरुक करने के लिए हर साल 17 मई को विश्‍व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है. आइए आज इस मौके पर आपको बताते हैं इस बीमारी से जुड़ खास बातें.

हाई बीपी की वजह
डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक अधिक उम्र और आनुवंशिक कारणों से इस बीमारी का रिस्‍क बढ़ता है. इसके अलावा ज्‍यादा नमक खाने की आदत, फिजिकली एक्टिव न होना, बहुत ज्‍यादा सिगरेट, शराब पीना आदि भी इस बीमारी की वजह माने गए हैं.

हाइपरटेंशन के लक्षण……………..
तेज सिरदर्द
छाती में दर्द
चक्कर आना
सांस लेने में दिक्क्त
जी मिचलाना
उल्टी करना
धुंधली दृष्टि या अन्य दृष्टि परिवर्तन
कानों में गूंजने की आवाज
नकसीर फूटना
असामान्य हृदय गति
कितना खतरनाक हो सकता है हाई बीपी

हाई बीपी की समस्‍या हार्ट अटैक और ब्रेन स्‍ट्रोक जैसी सीरियस मेडिकल कंडीशन की वजह बन सकती है. कई बार इन स्थितियों में मरीज की जान भी चली जाती है. इसके अलावा ये किडनी फेल्‍योर, मल्‍टी ऑर्गन फेल्‍योर, अंधेपन जैसी गंभीर स्थितियां भी पैदा कर सकता है. इसलिए हाई बीपी की समय से पहचान कर डॉक्‍टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि इस समस्‍या को नियंत्रित रखा जा सके.

हाई बीपी से बचाव के तरीके
नमक संतुलित मात्रा में खाएं. खाने में, फलों आदि में ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत को छोड़ें.
गरिष्‍ठ और चिकनाईयुक्‍त भोजन, जंकफूड, फास्‍टफूड, प्रोसेस्‍ड मीट, पैकेट बंद चीजें आदि को खाने से परहेज करें.
नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे.

योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई बीपी की वजह माना जाता है.
फल, हरी सब्जियां, सलाद, जूस आदि हेल्‍दी चीजों को डाइट में शामिल करें.

अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें.
अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं.

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