तिहाड़ के एक कैदी पर 24 हजार मासिक खर्च: डीजी बेनीवाल

700 कैदियों को होटल इंडस्ट्री और 1200 को अस्पतालों में काम मिलेगा

नई दिल्लीः तिहाड़ के डीजी बेनीवाल ने बताया कि कैदी जेलों के अंदर हर त्योहार मनाते हैं और राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेते हैं ताकि वे वास्तविकता से दूर न जा सकें।

दिल्ली स्थित देश के सबसे बड़े जेल तिहाड़ में एक कैदी पर एक दिन में 800 रुपए खर्च किए जाते हैं। इस हिसाब से हर महीने 24 हजार खर्च होते हैं। तिहाड़ के डायरेक्टर जनरल यजेलद्ध संजय बेनीवाल ने मंगलवार य16 अप्रैलद्ध को यह जानकारी दी।

पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में तिहाड जेल के़ डीजी ने बताया कि जेल से बाहर आकर करीब 700 कैदी होटल इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। 1200 से ज्यादा कैदियों को काम करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। वे बाहर आकर अस्पतालों में काम करेंगे।

संजय बेनीवाल ने बताया कि जब कैदियों को बाहर काम करने के लिए सर्टिफिकेट और ऑफर लेटर मिलेए तो मैंने उनकी आंखों में मुस्कान और चमक देखी। कैदियों को स्किल सिखाने और सशक्त बनाने से वे लायक बनते हैं।

जेल प्रशासन ने अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री की मदद से 2023 में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया था। इसके तहत विचाराधीन कैदियों (अंडर ट्रायल कैदियों) की ट्रेनिंग के लिए जेलों के अंदर एक बुनियादी ढांचा मुहैया कराया जाता है।

जेल में जरूरत से ज्यादा कैदियों की संख्या
तहाड जेल के़ डीजी ने कहा- हमारे यहां 10,000 कैदियों की क्षमता हैं, लेकिन यहां 20,000 कैदी रहते हैं। हालांकि देश में और जेल बनाना इसका समाधान नहीं है। हम छोटे अपराध के मामलों में लोगों को दंडित करने के दूसरे विकल्प या बेहतर तरीके तलाश सकते हैं।

बेनीवाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में पॉकेटमारी में 300 रुपए चुराने के आरोप में एक युवक को तिहाड़ लाया गया। वह पांच महीने तक यहां रहा। उस 300 रुपए की चोरी की सजा के लिए मैंने उस युवक पर 24 हजार महीने के हिसाब से ‘पांच महीने में लगभग 1 लाख 20 हजार’ रुपए खर्च कर दिए।

विदेशों के तर्ज पर जेलों का प्राइवेटाइजेशन
प्राइवेटाइजेशन के बावजूद अमेरिका के जेलों में काफी भीड़ है। अमेरिका में प्रति लाख लोगों पर गिरफ्तारी की संख्या भारत से कहीं अधिक है। जेल का प्राइवेटाइजेशन करना देश की स्थिति और वहां कैसे शासन किया जाता हैए इस पर निर्भर करता है।

जेल में सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर
जेल अधिकारी कैदी के इमोशनल और मेंटल कंडीशन सही रखने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कैदियों को स्पिरिचुअल कोर्सेज, मेडिटेशन और एक्सरसाइज करवाया जाता है। इससे उन्हें अतीत में की गई अपनी गलतियों का एहसास होता है।

कैदी जेलों के अंदर हर त्योहार मनाते हैं। सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेते हैं ताकि वे वास्तविकता से दूर न जा सकें। कई लोग ऐसे हैं जिनसे कोई मिलने नहीं आता। उनके लिए हमारे पास स्पर्श योजना नाम की एक सुविधा है, जहां हम उन्हें गले लगाते हैं। खास दिनों पर उन्हें गिफ्ट देते हैं। हमसे जितना हो पाता है हम उनके जीवन को सामान्य बनाने की कोशिश करते हैं।

दिल्ली डीजी बोले- तिहाड़ में केजरीवाल से अलग व्यवहार नहीं
बेनीवाल ने तिहाड़ में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा. जेल के मैनुअल में कट्टर या सामान्य अपराधी के बीच कोई अंतर नहीं है। हर कैदी के पास बुनियादी अधिकार हैं और यह इन्श्योर करना मेरा कर्तव्य है। किसी को कैदी को विशेष सुविधा नहीं दी जाती है। ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है।

दर असल तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात नहीं हो पाने पर पंजाब सीएम भगवंत मान आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ में वैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं, जो किसी कट्टर अपराधी को भी मिलती हैं।
इस पर बेनीवाल न कहा कि तिहाड़ जेल में 20 हजार कैदी हैं। हर दिन हजारों लोग उनसे मिलने आते हैं। आज तक एक भी शिकायत नहीं आई, इस लिए मुझे नहीं लगता कि कैदियों से अलग.अलग व्यवहार होता है।

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