यूएस में भारत के राजदूत रहे पूर्व आईएफएस तरणजीत सिंह संधू बीजेपी में शामिल
अब पंजाब में बीजेपी को मिल सकती है और मजबूती

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और सभी पार्टियां धीरे-धीरे अपने पत्ते खोल रही हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार पंजाब में पार्टी के विस्तार अभियान में जुटी है और मंगलवार को पार्टी को एक और कामयाबी मिल गई. अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके पूर्व आईएफएस अधिकारी तरणजीत सिंह संधू ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी को उम्मीद है कि तरणजीत सिंह संधू के शामिल होने से पार्टी पंजाब में और ज्यादा मजबूत होगी. तरणजीत सिंह संधू अमेरिका में भारत की आवाज रहे हैं, जिनका फैमिली बैकग्राउंड कांग्रेस से रहा है.
संधू को वॉशिंगटन डीसी के साथ नई दिल्ली के संबंधों को मधुर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है, जो 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद खराब हो गए थे. भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (राजनीतिक) के रूप में वह एक प्रमुख व्यक्ति थे, जब अमेरिकी कांग्रेस ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की भूमिका की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. संधू को अमेरिकी राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचे में पार्टी लाइनों से परे अपने नेटवर्क के लिए जाना जाता है, चाहे डेमोक्रेट हो या रिपब्लिकन.
तरणजीत सिंह संधू ने पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा और सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की भारत यात्रा के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कहा जाता है कि 2014 और 2016 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्राओं के दौरान संधू ने सोशल मीडिया के प्रभाव को उजागर करने के लिए इसका उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
संधू के दादा रहे हैं कांग्रेसी
तरणजीत सिंह संधू के दादा तेजा सिंह समुंद्री कांग्रेसी नेता और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के संस्थापक सदस्य थे, जिन्हें गुरुद्वारा सुधार आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए अंग्रेजों द्वारा जेल भेजा गया था. संधू अपने दादा तेजा सिंह समुंद्री के बाद राजनीति में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य हैं.संधू की पत्नी रीनत संधू भी राजनयिक हैं और वर्तमान में नीदरलैंड में भारत की राजदूत हैं. रीनत इससे पहले इटली में भारतीय दूत थीं.
तरनतारन जिले के राय बुर्ज गांव के रहने वाले संधू अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं, जो अमेरिका से अमृतसर लौट आए थे. संधू के पिता बिशन सिंह समुंद्री गुरु नानक विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति थे और उन्होंने अमृतसर में खालसा कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में भी काम किया था. उनकी मां जगजीत कौर संधू ने अमेरिका में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की और अमृतसर के सरकारी महिला कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में सेवा करने के लिए लौट आईं.
1988 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं संधू
तरणजीत सिंह संधू 1988 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं और इसी साल 1 फरवरी को रिटायर हुए हैं. 23 जनवरी 1963 को जन्मे संधू ने तीन मौकों पर अमेरिका में सेवा दी है. वह 1990 के दशक में पोखरण परीक्षण के दौरान एक जूनियर राजनयिक थे और बाद में मिशन के उप प्रमुख और राजदूत के रूप में काम किया.