मुंडन संस्कार से लौट रहे परिवार पर मुस्लिम युवकों का हमला, 30 घायल
महिलाओं से अभद्रता और लूट, पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया

बदायूं (उत्तर प्रदेश) : प्रदेश में धर्मांधता ने एक बार फिर इंसानियत की हदें लांघ दीं। सोमवार देर शाम एक शांतिपूर्ण मुंडन संस्कार से लौट रहे हिंदू परिवार पर कट्टरपंथी मुस्लिम युवकों ने सुनियोजित हमला कर दिया। ढोलक-भजन की आवाज सुनते ही बौखलाए इन असहिष्णु तत्वों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को चारों ओर से घेर लिया और लाठी-डंडों, लोहे की रॉड से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों तक को पीटा।
घटना तब हुई जब सिमरिया गांव निवासी अंकित के बेटे का मुंडन संस्कार संपन्न हो चुका था और पूरा परिवार भक्ति संगीत के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली से गांव लौट रहा था। जैसे ही जुलूस मुस्लिम-बहुल कुतरई गांव के पास पहुंचा, वहां मौजूद दर्जनों उन्मादी युवकों ने घात लगाकर हमला कर दिया।
ट्रैक्टर में भजन गा रही थीं महिलाएं
गांव सिमरिया निवासी अंकित के बेटे का मुंडन था। शाम सात बजे सैंजरी के शिव मंदिर में मुंडन के बाद अंकित, उनका परिवार व रिश्तेदार ट्रैक्टर-ट्रॉली से गांव लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि महिलाएं ढोलक पर मंगलगीत एवं भजन गा रही थीं। मुस्लिम बहुल कुतरई गांव के चौराहे पर ढोलक व मजीरे की आवाज सुनकर कुछ युवक पास आए। वह अपशब्द कहते हुए आगे निकल गए। कुछ दूर बढ़ते ही देखा कि कई मुस्लिम युवक सड़क पर बाइकें आड़ी-तिरछी किए खड़े थे।
आरोपितों ने ट्रैक्टर रोककर किया हमला
उन्हें देखकर चालक ने ट्रैक्टर रोका, इतने में आरोपितों ने हमला कर दिया। वे सभी ट्रॉली में घुसकर मारपीट करने लगे। विरोध करने पर हमलावरों ने गांव से अपनी कई अन्य साथियों को बुला लिया। लाठी, डंडे लगने से किरन, अंकित, कविता, उर्मिला समेत 30 लोग घायल हो गए। चीख-पुकार सुनकर कुछ राहगीरों ने थाने फोन किया। आरोप है कि काफी देर बाद थाना प्रभारी उदयवीर सिंह पहुंचे। तब तक आरोपित भाग चुके थे।
एसडीएम और थानों की फोर्स भी पहुंची
बाद में एसडीएम सदर मोहित कुमार और सीओ केके तिवारी कई थानों की फोर्स लेकर पहुंचे। घटनाक्रम की जानकारी के लिए एसएसपी को भी फोन लगाया, मगर उनका नंबर नहीं लगा। अंकित का आरोप है कि ढोलक बजाने एवं भजन आदि गाने पर दूसरे संप्रदाय के युवक हमलावर हुए थे। इसमें प्रधान ने गांव के अन्य लोगों को उकसाया था।