पंचायत चुनाव में कोटे में कोटा चाहते हैं राजभर
20 साल पहले बनी समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग, सीएम योगी से मुलाकात

लखनऊ : प्रदेश सरकार में सहयोगी और पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ सुभासपा के महासचिव अरुण राजभर भी मौजूद रहे. ओम प्रकाश राजभर ने इस दौरान मुख्यमंत्री से ओबीसी और एससी आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा लागू करने की मांग दोहराई.
उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अति पिछड़ी और सर्वाधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कुछ ही ताकतवर जातियां आरक्षण का पूरा लाभ उठा रही हैं. राजभर ने बताया कि हाल ही में हुई पुलिस भर्ती में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का फायदा 19,000 से अधिक एक ही मजबूत जाति के लोगों को मिला है. उन्होंने इसे आरक्षण व्यवस्था की बड़ी खामी बताया.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के कार्यकाल में हुकुम सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक न्याय समिति बनाई गई थी, जिसने पिछड़े वर्ग के भीतर आरक्षण में वर्गीकरण की सिफारिश की थी. लेकिन सत्ता परिवर्तन के चलते रिपोर्ट लागू नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि इसके बाद सपा और बसपा सरकारों ने भी इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया, जिससे अधिकांश पिछड़ी जातियां आज भी आरक्षण के लाभ से वंचित हैं.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि 2017 में बीजेपी सरकार बनने के बाद न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में फिर से सामाजिक न्याय समिति का गठन हुआ. इस समिति ने 27% आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने की सिफारिश की है, जिसमें पिछड़ा वर्ग को 7% जिसमें 16 जातियां आएंगी, अति पिछड़ा वर्ग में 9% जिसमें 32 जातियां आएंगी और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग में 11% जिसमें 57 जातियां के आने की बात कही गई है.
नौ राज्यों में कोटे में कोटा लागू किया जा चुका है
राजभर का कहना है कि यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है और मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा में इसके क्रियान्वयन का भरोसा दिलाया था, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है. राजभर ने सुप्रीम कोर्ट का जिक्र किया कि अदालत ने भी आरक्षण में उपवर्गीकरण की बात कही है. हरियाणा समेत देश के नौ राज्यों में कोटे में कोटा लागू किया जा चुका है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी यह कदम उठाया जाना चाहिए.