भारत ने रोका चेनाब का पानी तो रोया पाकिस्‍तान

खरीफ की फसल पर मंडराया खतरा!

नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एक के बाद एक कई बड़ी कार्रवाई की है। इनमें से सबसे बड़ा कदम सिंधु नदी समझौते को निलंबित करने का है। भारत के इस फैसले ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। अब पाकिस्तान में सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (IRSA) की सलाहकार समिति ने भारत की ओर से कम आपूर्ति के कारण मरला में चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी पर गहरी चिंता जताई है।

भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार हाइड्रोपावल प्‍लांट बांध के सभी गेट बंद कर दिए हैं. नदी पर सलाल बांध के सभी गेट भी बंद हैं. हालांकि वन्यजीवों पर कोई खास असर न पड़े, इसे सुनिश्चित करने के लिए सलाल और बगलिहार बांध के सिर्फ एक गेट से पानी छोड़ा जा रहा है. सिंधु नदी सिस्‍टम में झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज शामिल हैं.

21% पानी की कमी होगी
IRSA की सलाहकार समिति की बैठक में कहा गया है कि भारत से पानी की आपूर्ति कम होने के कारण पाकिस्तान को खरीफ मौसम के दौरान पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। खरीफ सीजन के शुरुआती दिनों में पाकिस्तान में 21% पानी की कमी हो सकती है।

चिनाब नदी के जलस्तर में काफी गिरावट
भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में बगलिहार और सलाल बांधों के गेट बंद कर दिए गए हैं। इस कारण चिनाब नदी के जलस्तर में काफी गिरावट हुई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले के कारण ये कमी आई है। एक स्थानीय शख्स ने ANI से कहा कि वे नहीं चाहते कि पाकिस्तान को पानी की एक भी बूंद दी जाए।

क्या है सिंधु नदी समझौता?
आपको बता दें कि सिंधु नदी समझौते के तहत हुई संधि के मुताबिक, संधि पश्चिमी नदियों- सिंधु, झेलम, चिनाब का पानी पाकिस्तान को और पूर्वी नदियों- रावी, ब्यास, सतलुज का पानी भारत को आवंटित किया गया है। इस संधि के मुताबिक, सिंधु नदी प्रणाली से भारत को 20 फीसदी और पाकिस्तान को शेष 80% पानी मिलता है।

 

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