भारतीय सेना का विश्व रिकार्ड, एवरेस्ट की चोटी पर एकसाथ 22 फौजी

इतनी संख्या में अब तक नहीं चढ़ा दुनिया का कोई दल

रानीखेत (उत्तराखण्ड) : देश की आन, बान व शान की रक्षा को तत्पर भारतीय फौज ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। जांबाजों ने दुनिया की सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट की चोटी न केवल फतह की, बल्कि एकसाथ 22 सैन्य पर्वतारोहियों के शिखर पर पहुंचने का विश्व रिकार्ड भी बनाया।

दुनिया का कोई भी दल अब तक इतनी संख्या में एकसाथ चोटी को नहीं छू सका है। खास बात कि दो बार एवरेस्ट की 8848.86 मीटर ऊंची चोटी पर तिरंगा व रेजिमेंट का ध्वज फहरा चुके 16-कुमाऊं के नायब सूबेदार इंदर सिंह अधिकारी तीसरी बार पहुंचने वाले सैनिक बन गए हैं।
इधर भारतीय सेना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान को मान्यता के लिए गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में साक्ष्यों के साथ दावा प्रस्तुत किया है। भारतीय सेना के पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट अभियान के तहत वर्ष 2001 में एवरेस्ट की दुरूह चोटी को छूआ था। तब दल में छह जांबाज थे।

‘इंडियन आर्मी सिल्वर जुबली एवरेस्ट एक्सपिडिशन-2025’ के तहत अभियान को यादगार बनाने के उद्देश्य से सेना ने जांबाज पर्वतारोही दल को पुन: भेजा। सेना मेडल विजेता नैनी मजखाली (रानीखेत) निवासी पर्वतारोही नायब सूबेदार इंदर सिंह अधिकारी ने बताया कि बीते 10 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लाक दिल्ली से फ्लैगआफ किया।

कर्नल मनोज जोशी की अगुआई में छह सैन्य अफसर, आठ जेसीओ समेत 32 सदस्यीय दल काठमांडू (नेपाल) से लुक्ला होकर 23 को बेस कैंप पहुंचा। कुशल प्रशिक्षण के बाद केआरसी के सात, गढ़वाल व गोरखा रेजिमेंट के चार-चार, लद्दाख रेजिमेंट के पांच, मद्रास व पैराशूट रेजिमेंट से एक-एक समेत कुल 22 पर्वतारोही 22 मई को 8500 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचे। सफर बेहद मुश्किल भरा रहा।

नायब सूबेदार इंदर सिंह की उपलब्धियां 16 कुमाऊं रेजिमेंट के अनुभवी पर्वतारोही नायब सूबेदार इंदर सिंह अधिकारी वर्ष 2012, 2016 और अब तीसरी बार एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे और विश्व कीर्तिमान के गवाह बने।

इससे पूर्व वह 2009 में माउंट शिवलिंग, 2014 में राजरंभा, 2015 व 2023 में त्रिशुल, 2015 में डियो तिब्बा, 2018 में कामेट व माउंट भनोटी, 2019 में मकालू, 2024 में मुकुट तथा इसी साल इंदकौल की चोटी भी फतह कर चुके हैं। इस उपलब्धि पर उन्हें सेना मेडल मिल चुका है।

खड़क सिंह व नंदी देवी अधिकारी के पुत्र नायब सूबेदार इंदर सिंह 2007 में सेना का अंग बने। सेना के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल सोनामार्ग गुलमर्ग (कश्मीर) में पर्वतारोहण प्रशिक्षण के दौरान बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड भी मिला। उनकी पत्नी वीरशिवा स्कूल रानीखेत में प्रधानाचार्या हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button