योगी सरकार ने बहराइच में चलाया 4 मजारों पर बुलडोजर

लक्‍कड़ शाह बाबा की मजार ध्वस्त, जमीन पर किया था कब्जा- फोर्स तैनात

बहराइच : बहराइच के कतर्नियाघाट जंगल में स्थित लक्‍कड़ शाह बाबा की मजार को रात में बुलडोजर चलाकर ध्‍वस्‍त कर दिया गया है। यह दावा मजार के सचिव इसरार ने किया है। इस मजार पर 16वीं सदी से उर्स मनाया जा रहा था।

सचिव इसरार ने फोन पर बताया, रात में प्रशासन ने दरगाह पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्‍वस्‍त कर दिया। उस समय रात में दरगाह के कुछ कर्मचारी थे, वहां मौजूद श्रद्धालुओं को प्रशासन पहले ही हटा चुका था। इस मामले में दरगाह प्रबंधन हाई कोर्ट गया था।

सचिव का कहना था कि प्रशासन ने 5 जून के ट्र‍िब्‍यूनल के आदेश को उन्‍हें र‍िसीव कराया और रात में बुलडोजर चला दिया। वहां पर पीएसी वगैरह लगा दी गई है। राजस्‍व, पुलिस प्रशासन और वन विभाग की टीम ने मिलकर यह कार्रवाई की है। आगे क्‍या करेंगे, इस सवाल पर उनका था कि वह इस कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट में जाएंगे।

इससे पहले प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कई मजारों पर लगने वाले मेलों पर रोक लगा दी थी। इनमें बहराइच जिले के कतर्नियाघाट जंगल के कोर क्षेत्र में स्थित लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर हर साल आयोजित होने वाला एक दिवसीय मेला भी शामिल था। यहां मानव-वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने उद्देश्य से प्रतिबंधित किया गया था।

इस बारे में एक शनिवार को कतर्नियाघाट के प्रभागीय वन अधिकारी बी. शिवशंकर ने बताया, प्रभाग के मुर्तिहा रेंज में लक्कड़ शाह की मजार है। जहां ज्येष्ठ माह में आयोजित होने वाले एक दिवसीय मेले में काफी भीड़ होती है। यह स्थान जंगल के कोर क्षेत्र में आता है इसीलिए पिछले चार सालों से यहां भीड़ एकत्र करने पर रोक लगाई जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि भीड़ को रोकने के लिए स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स, सशस्त्र सीमा बल, पुलिस व वन विभाग के लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी। बी. शिवशंकर ने स्पष्ट किया कि मजार पर धार्मिक क्रियाकलाप और जियारत पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। क्षेत्र में भीड़ रोकने के लिए वाहनों के आवागमन व आग जलाकर खाना बनाने व वहां रुकने या रात्रि विश्राम पर रोक लगाई गई है।

बी. शिवशंकर ने यह भी बताया कि मजार के प्रबंधकों ने इस स्थान को वक्फ की जमीन बताकर वन विभाग के समक्ष अपना दावा पेश किया था। हालांकि, वे जमीन के स्वामित्व संबंधी कोई कागजात पेश नहीं कर सके, जिसके कारण उनके दावे खारिज हो गए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button