असीम मुनीर से यूं ही नहीं मिले ट्रंप……

ट्रंप को चाहिए पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और बंदरगाहों तक रास्ता

वॉशिंगटन : पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर सुर्खियों में हैं। इसकी वजह बनी है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वॉइट हाउस में उनका लंच, जिसके बारे में पाकिस्तान में खूब जोर-शोर से प्रचार किया गया है। मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने असीम मुनीर को स्मार्ट शख्स बताया और कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख से मिलकर उन्हें सम्मानित महसूस हो रहा है। रिपोर्ट बताती हैं कि मुनीर की ट्रंप से मुलाकात अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। लेकिन ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम यूं ही नहीं जागा है। उन्होंने इस मुलाकात में मुनीर से बेहद खास मांग की है।

सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और बंदरगाहों तक पहुंच मांगी है। इसके बदले में इस्लामाबाद को अत्याधुनिक सैन्य तकनीक देने की पेशकश की है। पाकिस्तान ऐतिहासिक रूप से अमेरिका का साझेदार रहा है। इसके पहले उसने शीतयुद्ध और अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिका-पाकिस्तान संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे।

ट्रंप खुलकर दिखा रहे पाकिस्तान प्रेम
बाइडन ने चार वर्षों में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से कभी बात नहीं की थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन में पाकिस्तान का महत्व एक बार फिर बढ़ गया है। यहां तक कि ट्रंप पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए, जिसने वॉइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख की मेजबानी की है। खास बात यह है कि इस मुलाकात में पाकिस्तान के नागरिक प्रशासन से कोई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं रहा।

चीन और रूस को लेकर रख दी शर्त
सीएनएन-न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ट्रंप ने पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और उन्नत मिसाइलें मुहैया कराने के बदले में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और बंदरगाहों तक पहुंच मांगी है। ट्रंप ने इस पेशकश के साथ ही मुनीर के सामने शर्त रखी है कि पाकिस्तान चीन और रूस के साथ अपने लेन-देन को बंद कर देगा। पाकिस्तान और चीन के रिश्ते हाल के दिनों में काफी मजबूत हुए हैं। उसने चीन से लड़ाकू विमान, मिसाइल और अन्य सैन्य प्रणालियां हासिल की हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने पाकिस्तान को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता की भी पेशकश की है। एक शीर्ष राजनयिक सूत्र के अनुसार, ट्रंप यह भी चाहते हैं कि अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ युद्ध में शामिल होता है, तो पाकिस्तान भी उसके साथ हो। इसके लिए वह सैन्य अड्डे, रसद अड्डे और समुद्री मार्ग पर पहुंच चाहते हैं।

मुलाकात पर पाकिस्तान से आया बयान
पाकिस्तानी सेना प्रमुख की ट्रंप की मुलाकात पर पाकिस्तान से बयान आया है। पाकिस्तान आर्मी की मीडिया विंग आईएसपीआर की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि शुरू में यह बैठक एक घंटे के लिए निर्धारित थी, लेकिन दो घंटे से ज्यादा समय तक चली। बैठक के दौरान ट्रंप ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान के चल रहे प्रयासों की सराहना की और दोनों देशों के बीच मजबूत आतकंवाद विरोधी सहयोग की सराहना की।

ईरान-इजरायल संघर्ष पर भी चर्चा
आईएसपीआर ने कहा, चर्चा में व्यापार, आर्थिक विकास, खान और खनिज,कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऊर्जा, क्रिप्टोकरेंसी और उभरती प्रौद्योगिकियों समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई गई। बयान के अनुसार, बैठक में ईरान और इजरायल के बीच मौजूदा तनाव पर भी चर्चा हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने संघर्ष के समाधान के महत्व पर जोर दिया।

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