उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह ने वाराणसी पहुंच, दर्शन-पूजन कर लिया आशीर्वाद

धामी ने कहा कि काशी में गृह मंत्री की मौजूदगी में बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी

वाराणसी : मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काशी पहुंचे। उन्होंने बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचकर विधि- विधान से पूजन किया। बाबा का दर्शन करने के बाद कॉरिडोर का भ्रमण भी किए।

इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि “भगवान विश्वनाथ की नगरी में आना हमेशा सुखद होता है, उनका आशीर्वाद हम सभी को मिलता है। हम देवभूमि उत्तराखंड से यहां आए हैं। यहां गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में चार राज्यों की परिषद की बैठक होगी, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है… प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में हम सभी राज्यों का योगदान होगा…”

बयान में कहा गया है कि क्षेत्रीय परिषद की बैठक में आमतौर पर राष्ट्रीय महत्व के व्यापक मुद्दों पर चर्चा होती है, जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों की तेजी से जांच और उनके तुरंत निपटान के लिए त्वरित विशेष अदालतों का कार्यान्वयन और प्रत्येक गांव के निर्दिष्ट क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करना शामिल है।

बैठक में आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली के क्रियान्वयन तथा पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, शहरी नियोजन और सहकारी प्रणाली को मजबूत करने जैसे साझा हित से संबंधित विभिन्न क्षेत्रीय स्तर के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।

यह बैठक गृह मंत्रालय के अंतर्गत अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित की जा रही है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के अंतर्गत पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी।

केंद्रीय गृह मंत्री इन परिषदों के अध्यक्ष हैं तथा सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/प्रशासक इनके सदस्य हैं। इन सदस्यों में से एक सदस्य राज्य का मुख्यमंत्री (प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से) उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। प्रत्येक सदस्य राज्य से राज्यपाल दो मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित करते हैं। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति भी बनाई है।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सर्वांगीण विकास के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

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