रोजगार के नाम पर उत्तराखंड के 1300 युवाओं से ठगी, सिडको संस्था के खिलाफ केस दर्ज

देहरादून में अपना ऑफिस खोलकर युवाओं से पंजीरण कराया

देहरादून : उत्तराखंड के युवा बेरोजगारी की मार तो झेल ही रहे हैं. अब कई अपराधी गिरोह की नजर भी युवाओं पर पढ़ चुकी है. करीब 1300 युवाओं से रोजगार और ट्रेनिंग के नाम पर ठगी के आरोप में बिहार में पंजीकृत संस्था लघु उद्योग विकास परिषद सिडको के खिलाफ देहरादून में केस दर्ज किया गया है.

नेहरू कॉलोनी थाने में यह केस दर्ज किया गया है. प्रभारी चौकी बाईपास प्रवीण सिंह पुंडीर की ओर से यह रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. मामले की शिकायत के बाद दरोगा प्रवीन पुंडीर ने तफ्तीश की थी. पुलिस की जांच में पता चला की सिडको को भारतीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत 21 अप्रैल 2023 को बिहार के पटना में पंजीकृत कराया गया था. इसने देहरादून के जयपुर में अपना ऑफिस खोलकर प्रदेश के युवाओं से सदस्यता प्रशिक्षण के लिए 6100 प्रति व्यक्ति की दर से पैसे लिए. संस्था का दावा है कि यह राशि सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार और रोजगार प्रशिक्षण के लिए ली जा रही है. हालांकि जांच के दौरान इसकी कार्य प्रणाली के और खातों के लेनदेन में गड़बड़ी पाई गई है.

इस मामले में एबीपी लाइव में नेहरू कॉलोनी के थाना अध्यक्ष संजीत कुमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया इस मुकदमे में सिडको के अध्यक्ष सुगंध कुमार कोषाध्यक्ष अभिषेक कुमार सचिव अभय कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप सिंह ठाकुर आरोपी बनाए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने जब इस मामले में जांच की तो यह पाया कि सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के नाम पर कंपनी की ओर से शुल्क लेना गलत है, क्योंकि केंद्र सरकार या राज्य सरकार से ऐसी किसी भी नीति के लिए शुल्क लेना या फिर पैसे एकत्र करने का कोई भी प्रावधान नहीं है. बैंक खातों के लेनदेन में अनियमिताएं पाई गई हैं. इसको लेकर देहरादून पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब विस्तृत जांच की जा रही है.

पुलिस ने अपनी जांच के दौरान इस संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप सिंह ठाकुर और कैशियर आशिक गुप्ता से पूछताछ की. प्रदीप सिंह ने बताया कि यह संस्थान नौ राज्यों में सक्रिय है और उत्तराखंड में 1300 से अधिक लोगों को जोड़ा गया है. इन सदस्यों से ली गई रकम एचडीएफसी और एसबीआई के खातों में जमा कराई गई है, लेकिन वह किस तरह से ट्रेनिंग देते हैं और किस तरह रोजगार मिलता है, इसकी जानकारी नहीं दे पाए. इसके बाद संस्था के अध्यक्ष सुगंध कुमार को नोटिस भेजा गया है. मगर वह पक्ष रखने नहीं पहुंचे. इस संस्था के झांसे में आकर जिन लोगों ने अपनी रकम गवाही है उनसे पूछताछ करते हुए उनके बयान दर्ज कराई जा रहे हैं.

बेरोजगार युवाओं को करते हैं टारगेट
इस प्रकार की कई ऐसी फर्जी संस्थाएं हैं जो ऐसे युवाओं को टारगेट करती हैं जोकि बेरोजगार हैं, और रोजगार की तलाश में घूम रहे हैं. ऐसे लोगों को टारगेट कर उनसे छोटी-छोटी रकम के रूप में एक बड़ी धोखाधड़ी की जा रही है. फिलहाल इस मामले में देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और जल्द ही सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.

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