यूपी के 5 इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बदले

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दी मंजूरी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम को बदल दिया है। सरकार ने यह फैसला तकनीकी शिक्षा को नई पहचान देने और छात्रों को प्रेरणा देने के उद्देश्य से एक अहम फैसला लिया है। सरकार के इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बदलने के प्रस्ताव को राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है।

अब प्रदेश के पांच राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज उन महापुरुषों और देवी-देवियों के नाम से जाने जाएंगे, जिन्होंने देश और समाज के लिए महान योगदान दिया है। शासन के प्राविधिक शिक्षा अनुभाग-1 ने इस संबंध में आदेश जारी किया गया है, जिसे राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

जिन कॉलेजों के नाम बदले गए, वे इस प्रकार हैं
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रतापगढ़ अब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम से जाना जाएगा.
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बस्ती अब सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर होगा.
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोंडा अब मां पाटेश्वरी के नाम से पहचाना जाएगा.
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनपुरी को रानी अहिल्याबाई होलकर के नाम से नवाजा गया है.
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मिर्जापुर अब सम्राट अशोक के नाम से जाना जाएगा.

सरकार का मानना है कि इन नामों से कॉलेजों की पहचान मजबूत होगी और छात्र न केवल तकनीकी शिक्षा प्राप्त करेंगे, बल्कि उन्हें देश के गौरवशाली इतिहास और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों से जुड़ने का भी अवसर मिलेगा। इससे छात्रों में राष्ट्र निर्माण, सामाजिक सेवा और उच्च मूल्यों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा।

विशेष सचिव विनोद कुमार के जारी आदेश में कहा गया है कि यह कदम तकनीकी शिक्षा की गरिमा बढ़ाने और संस्थानों को प्रेरणा का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे पहले प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष कुमार पटेल ने 21 मई को मुख्यमंत्री के पास इंजीनियरिंग कॉलेजों को बदलने का प्रस्ताव भेजा था।

प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह नामकरण केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि इन नामों से छात्रों को प्रेरणा प्राप्त होगी और वे इन महापुरुषों के आदर्शों को जीवन में उतार सकेंगे। इन नामों से कॉलेजों की पहचान न केवल तकनीकी शिक्षा से जुड़ी रहेगी, बल्कि छात्रों में सामाजिक चेतना, आत्मबल और राष्ट्र निर्माण की भावना भी विकसित होगी। आने वाले समय में ये संस्थान उत्तर प्रदेश के युवाओं को तकनीकी विशेषज्ञता के साथ सामाजिक नेतृत्व के लिए भी तैयार करेंगे।

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