भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी द्वारा 7 युवक गिरफ्तार

संदिग्धों के पाकिस्तानी फंडिंग से संचालित इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल से तार जुड़े होने का शक

रुपईडीहा/लखनऊ : भारत-नेपाल सीमा पर तलाशी के दौरान शुक्रवार की सुबह लगभग नौ बजे एसएसबी ने सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया। संदिग्धों युवकों के पास से संदिग्ध फ्रिक्वेंशी पर सेट वॉकी-टॉकी (आरटी सेट) बरामद होने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची सुरक्षा एजेंसियां संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं। एसएसबी ने पूछताछ के बाद सभी पर रुपईडीहा थाने में केस दर्ज करवाकर उन्हें पुलिस को सौंप दिया है। स्थानीय लोगों में संदिग्धों के पाकिस्तानी फंडिंग से संचालित इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल से तार जुड़े होने की चर्चा है।

एसएसबी 42 वीं वाहिनी के सहायक उपनिरीक्षक योगेश कुमार द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर में बताया गया कि शुक्रवार की सुबह टीम के साथ भारत-नेपाल सीमा पर आने-जाने वालों की जांच की जा रही थी। इस दौरान नेपाल से एक चार पहिया वाहन ने सीमा पार किया। वाहन में मौजूद लोगों के पास प्रतिबंधित फ्रिक्वेंशी के वॉकी-टॉकी बरामद हुए। जिसके बाद सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

पकड़े लए लोगों की पहचान महराष्ट्र के काकड़े बस्ती पुणे निवासी बिला अब्दुल रहमान शेख, कांधुवा खुर्द पुणे निवासी मुनीर युसूफ शेख, साईंनाथ नगर निवासी तेमेश्यवर भोंदवे, बुरूकू पुणे निवासी मोहम्मद मुस्लिम, उत्तरप्रदेश के बिजनौर निवासी अचलेश कुमार, कुशीनकर के चट्टू कटिया निवासी शंकर पांडेय व बहराइच के रसूलपुर दरहट सराय निवासी छांगुर के रूप में हुई है। पूछताछ में सभी ने कैटरिंग कार्य के लिए नेपाल जाने की बात कही है।

संदिग्धोंं के पास से बरामद हुए वॉकी-टॉकी को जब्त कर सभी के खिलाफ दूरसंचार अधिनियम, भारतीय तार अधिनियम व भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम की धाराओंं के तहत केस दर्ज करवाकर पुलिस को सौंप दिया गया है। गिरफ्तारी में एसएसबी के मुख्य सिपाही अमरनाथ यादव, अरविंद कुमार, ओमप्रकाश आदि शामिल रहे।

इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल से तार जुड़ने की चर्चा
भारत-नेपाल सीमा पर प्रतिबंधित व संदिग्ध फ्रिक्वेंशी के वॉकी-टाॅकी के साथ सात संदिग्धेां के पकड़े जाने के बाद से स्थानीय लोगोंं में चर्चाओंं का बाजार गर्म है। लोगों में चर्चा है कि सभी पाकिस्तान के फंड से फल फूल रहे इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल के किसी व्यक्ति से मिलने गए थे। पकड़े जाने पर कैटरिंग का बहाना बना रहे हैं।

वहीं लोगोंं का कहना है, कि सभी के वॉकी-टॉकी सेट प्रतिबंधित हॉपिंग फ्रिक्वेंसी पर संचालित मिले हैं। हॉपिंग फ्रिक्वेंशी में फ्रिक्वेंसी लगातार बदलती रहती है, जिससे इंटरसेप्ट करना मुश्किल रहता है। वहीं इस फ्रिक्वेंशी का प्रयोग ज्यादातर गलत कार्यों में लिप्त लोग या आतंकवादी करते हैं।

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