विदेशी फंडिंग व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर हिंदू संगठन मुखर, तुलसीपुर में SDM को सौंपा ज्ञापन
भारत-नेपाल सीमा पर मस्जिदें और मदरसे की बाठ, चिंता का विषय?
तुलसीपुर (UP) : तुलसीपुर में सनातन जागृति मंच ने नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में हो रही विदेशी फंडिंग और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की जांच की मांग की है। मंच के कार्यकर्ताओं ने उप जिलाधिकारी राकेश कुमार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
नेपाल के सीमावर्ती जिलों में बन रही मस्जिदों और मदरसों में तुर्की मदद कर रहा है. इस काम में तुर्की का एक गैर-सरकारी संगठन फाउंडेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड फ्रीडम्स एंड ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ (आईएचएच) शामिल है. इस संगठन के चरमपंथी समूहों से संबंध होने की बात कही जाती है. इसे तुर्की सरकार और खुफिया एजेंसियों से समर्थन मिलने का आरोप है. आईएचएच जैसे संगठन नेपाल के स्थानीय इस्लामी समूहों जैसे इस्लामी संघ नेपाल (आईएसएन) के साथ मिलकर अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी के लिए मस्जिदें, मदरसे, अनाथालय और इस्लामी केंद्र बना रहे हैं. जिसका इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए भी किया जा रहा है.
एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार तुर्की या तुर्किये अब नेपाल में पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के हितों के लिए एक जटिल चुनौती पेश कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल के सीमावर्ती जिलों में तुर्की और पाकिस्तान समर्थित धार्मिक केंद्रों और नेटवर्कों का विकास भारत के लिए गंभीर और जटिल चुनौती है. विशेष रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा, जनसांख्यिकीय परिवर्तन और सीमा पार कट्टरपंथ की संभावना के संदर्भ में.
बताया जा रहा है कि पिछले दो सालों में इन इलाकों में 500 करोड़ से ज्यादा की विदेशी फंडिंग हुई है. भारत और नेपाल 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा साझा करते हैं. जो दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का प्रतीक है. इस खुली सीमा का फायदा उठाकर विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियां भी होती रही हैं. अब इसमें बाहरी तत्वों द्वारा प्रभाव जमाने की कोशिशें भी शामिल हो गई हैं. तुर्की, पारंपरिक रूप से पश्चिमी और मध्य एशियाई मामलों में अधिक सक्रिय रहा है. लेकिन हाल के वर्षों में उसने दक्षिण एशिया और अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पहुंच बनाने का प्रयास किया है.
मंच के संयोजक दिलीप गुप्ता ने उतरौला क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उनकी पत्नी नीतू उर्फ नसरीन विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण जैसे अवैध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी क्षेत्र से पहले एक आतंकी भी पकड़ा जा चुका है। ज्ञापन में कहा गया है कि क्षेत्र में बने कई मदरसे विदेशी चंदे से चल रहे हैं। हिंदू धार्मिक पर्वों पर स्थानीय अभिसूचना इकाई और इंटेलिजेंस ब्यूरो सक्रिय रहते हैं। लेकिन विदेशी धन से चल रहे धर्मांतरण के नेटवर्क का पता नहीं लगा पाना चिंता का विषय है।
मंच ने मांग की है कि सीमावर्ती जिलों समेत पूरे प्रदेश में गैर सरकारी संस्थाओं की विदेशी फंडिंग की जांच हो। साथ ही हाल के वर्षों में जिन लोगों की संपत्ति में अचानक वृद्धि हुई है, उनकी भी जांच की जाए। विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम में और कड़े प्रावधान करने की भी मांग की गई है।