49 हजार करोड़ घोटाले के आरोपी गुरनाम सिंह को यूपी पुलिस पंजाब से खींच लाई
पीएसीएल कम्पनी बनाकर यूपी समेत 10 राज्यों में निवेशकों से इसने ठगी!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अब तक की सबसे बड़ी ठगी के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। 49 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम आर्थिक धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी गुरनाम सिंह को पंजाब के रोपड़ से गिरफ्तार कर यूपी लाया गया है। यह वही शख्स है, जिसने देशभर के करीब 5 करोड़ निवेशकों को जमीन देने और भारी मुनाफे का सपना दिखाकर हजारों करोड़ की ठगी कर ली थी। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने अब इस केस में मुख्य आरोपी गुरनाम सिंह की गिरफ्तारी के बाद बाकी दो फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
गुरनाम सिंह की गिरफ्तारी को यूपी पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी माना जा रहा है। PACL यानी ‘पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ के नाम पर उसने 10 राज्यों में कंपनी की शाखाएं खोलकर फर्जी स्कीमें चलाईं और फिर पूरे देश से 49,000 करोड़ रुपये की रकम समेटकर फरार हो गया था। इस घोटाले की गूंज संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। सेबी ने निवेशकों को पहले ही इस कंपनी से सावधान किया था। वहीं, कोर्ट ने एक विशेष समिति बनाकर निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू कराई थी।
ईओडब्ल्यू डीजी नीरा रावत के अनुसार, आरोपी गुरनाम सिंह की 2018 से तलाश की जा रही थी और यह गिरफ्तारी यूपी के जालौन जिले में दर्ज एक केस के तहत की गई है। PACL ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, केरल, मध्य प्रदेश सहित 10 राज्यों में बिना लाइसेंस के बैंकिंग जैसे काम किए। इस मामले में पहले ही CBI चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और अब मुख्य आरोपी भी शिकंजे में है। गुरनाम सिंह को यूपी लाकर पूछताछ शुरू हो गई है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश में टीमें सक्रिय हैं।
1996 से गुरनाम सिंह नें की घोटालों की शुरुआत :- गुरुवंत एग्रोटेक लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, 1996 में ROC जयपुर से रजिस्टर्ड हुई थी और 2011 में इसका नाम बदलकर PACL कर दिया गया। इस कंपनी के पास एनबीएफसी लाइसेंस नहीं था। फिर भी इसने आरडी-एफडी जैसी स्कीमों के माध्यम से बैंकों जैसा कारोबार शुरू कर दिया। कंपनी ने देशभर में निवेशकों से हजारों करोड़ रुपये जमा किए और फिर अचानक सभी कार्यालय बंद कर आरोपी फरार हो गए। इस घोटाले की गूंज संसद में भी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर निगरानी के लिए विशेष समिति गठित की थी। माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी खुलासे इस घोटाले से पर्दा उठाएंगे।