भगोड़े जाकिर नाइक से जुड़ रहे छांगुर गिरोह के तार

विदेशी फंडिंग में ‘सिमी’ और ‘पीएफआई’ का भी नाम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मतांतरण गिरोह के तार भगोड़े इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर अब्दुल करीम नाइक से भी जुड़ रहे हैं। जाकिर नाइक से जुड़ी कई कंपनियां उत्तर प्रदेश में मतांतरण कराने वाले गिरोह को विदेश से फंडिंग कर रही हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही इस मामले में जांच शुरू कर सकता है। मतांतरण गिरोह को विदेशी फंडिंग दिलाने में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कुछ सदस्यों की अहम भूमिका है।

पिछले दिनों मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर को विदेशी संस्थाओं से फंडिंग की जा रही है। एटीएस की जांच में इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। अलबत्ता छांगुर गिरोह से जुड़े सदस्यों के बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग का राजफाश होने के बाद एटीएस और ईडी के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी अंदरखाते इसकी जांच शुरू कर दी है।

नेपाल सीमा पर आयकर विभाग की जांच में भी कई मदरसों व धार्मिक स्थलों के लिए दक्षिण भारतीय राज्यों से भी फंडिंग की जानकारी सामने आ चुकी है। इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। जाकिर नाइक मतांतरण के लिए जाना जाता है। इसीलिए उसने भारत छोड़कर मलेशिया में अपना ठिकाना बना रखा है।

वीडियो के जरिए कट्टरपंथ को दे रहे थे बढ़ावा
मतांतरण गिरोह के सदस्यों से की गई पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि गिरोह इंटरनेट मीडिया पर वीडियो के जरिए लोगों का ब्रेनवाश करता था। गिरोह के सदस्यों ने इसी प्रकार का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया था।

इसमें कहा गया है कि वक्त की फिक्र कर नादां, मुसीबत आने वाली है। तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में, न समझोगे तो मिट जाओगे ए हिंदोस्तान वालों, तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्तानों में। गिरोह इस प्रकार के गीत वाले वीडियो बनाकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए लोगों को तैयार कर रहा था। साथ ही दलील देता था कि भारत में बुत परस्ती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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